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फूल उत्पादन से जुड़े बागवानों के राष्ट्रीय बैंकों की तर्ज पर वन टाईम सैटलमेंट मामले सुलझाएं सरकार: हीरा पाल ठाकुर

बिलासपुर। बिलासपुर जिले के फूल उत्पादन से जुड़े बागवानों एवं किसानों ने प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से राज्य सहकारी बैंक से संबधित ऋणों मामलों को राष्ट्रीय की तर्ज पर वन टाईम सैटलमेंट करने की मांग की है। अन्यथा उन्हें अन्य कदम उठाने पर बाध्य होना पडेगा। जिसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी। इन किसानों ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि बैेक द्धारा मुनादी के माध्यम से किसानों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से इस पर भी रोक लगाने की मांग की है। यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ के सह संयोजक हीरापाल ठाकुर ,एवं फुल उत्पादन से जुडे बागवान एवं किसान बाबू राम सहित अन्य ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2008-09 में प्रदेश उद्यान विभाग के बागवानी तकनीकी मिशन के तहत पोलीहाउस लगाए। उन्हें विभाग ने कारनेशन की खेती लगाने के लिए प्रेरित किया। लेकिन जब उन्होंने अपने पोली हाउसों में कारनेशन की खेती शुरू की तो उसके परिणाम सही नही रहे। जो लगाए भी उनमें घाटा उठाना पड़ा। क्योंकि बिलासपुर जिले के उच्च तापमान के कारण गुलाब की खेती सही तरीके से नहीं हो सकी। जो तैयार फूल उन्होंने दिल्ली में आढ़तियों के माध्यम से बेचा। वह भी घाटे में रही। अभी लाखों रूपये आढ़तियों ने नहीं अदा किए है। जिससे वह बैंकों के ऋण समय नहीं चुका सके। और उनके खाते एनपीए हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, भाजपा राष्टरीय अध्यक्ष जेपी नडडा व राज्य सहकारी बैंक के अधिकारियों से भी उठाया। लेकिन उन्हें मात्र आश्वासन ही मिले। उन्होंने कहा कि जिस तरह राष्ट्रीय बैंकों ने वन टाईम सेंटलमेंट के आधार पर इस तरह के मामलों की निपटारा किया है। उस तरह उनके ऋण के मामलों का भी समाधान किया जाए। लेकिन हिमाचल राज्य सहकारी बैक व हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि बैंक से संबंधित मामलों को नहीं निपटाया जा रहा है। जिससे उनकी जमीनें कुर्क होने की कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से राज्य सहकारी बैंक से संबधित ऋणों मामलों को राष्ट्रीय बैंकों की तर्ज पर वन टाईम सैटलमेंट करने की मांग की है। ताकि उनकी जमीनें भावी पीढ़ी व उनके जीवनयापन के लिए सुरक्षित बच सके। अन्यथा उन्हें आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पर बाध्य होना पडेगा । इस अवसर पर श्याम लाल ,मनोहर,अजय,बलदेव ठाकुर,दुर्गा राम , सुशील, व नारायण सहित अन्य किसानों ने भी अपनी व्यथा बयां की।

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