Ghumarwin : कपाहड़ा दंगल में लखनपुर के लक्की ने बागा के सोनू को पटखनी

घुमारवीं(विनोद चड्ढा)। घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत आने वाली कपाहड़ा पंचायत के गांव कपाहड़ा में दंगल का आयोजन किया गया। इस बाद दंगल में केवल हिमाचली पहलवानों को मौका दिया गया। दंगल में बतौर मुख्यातिथि प्रसिद्ध शिक्षाविद् प्रमुख समाजसेवी व जिला महामंत्री भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला बिलासपुर अमरनाथ धीमान ने शिरकत की। दंगल कमेटी के प्रधान सत्यदेव ठाकुर द्वारा उन्हें शॉल टोपी व समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यातिथि ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में आयोजित होने वाले ऐसे उत्सव हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा हैं जिन्हें अगली पीढ़ी भी बड़ी शिद्दत से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि इन मेलों में स्थानीय पहलवानों और खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इन मेलों में आयोजित होने वाले दंगल के प्रति लोगों में बड़ी उत्सुकता होती है और यहां पूरे हिमाचल के पहलवान अपने अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने नशे की कुरीति पर प्रहार करते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ि को नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहकर राष्टृ निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए।
दंगल के दौरान बड़ी माली का पहला सेमीफाइनल मुकाबला कांगड़ा के राजू कांगड़ा व निशांत घुमारवीं के बीच हुआ। इसमें राजू कांगड़ा विजेता रहे। दूसरा मुकाबला सुंदरनगर के मुकेश व कांगडा के पुरषोत्तम के बीच हुआ। जिसमें मुकेश विजेता रहे। छोटी माली का पहला सेमीफाइनल लकी लखनपुर प्रिन्स चंदपुर के बीच हुआ, जिसमें लक्की विजेता रहे। जबकि दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में बागा के सोनू ने मंडी के सिद्धार्थ को पराजित किया। छोटी माली के फाइनल मुकाबले में लखनपुर के लक्की ने बागा के सोनू को पटखनी देते हुए खिताब अपने नाम किया। वहीं बड़ी माली के फाइनल मुकाबले में मुकेश ने कांगड़ा के राजू को पराजित कर खिताब अपने नाम किया। बड़ी माली के विजेता पहलवान को गुर्ज व 5100 व उपविजेता को 4500 रूपये इनाम स्वरूप दिए गए। जबकि छोटी माती के विजेता पहलवान को गुर्ज व 3100 तथा उपविजेता को 2500 रूपऐ भेंट किए गए। इस मौके पर कमेटी प्रधान सत्यदेव ठाकुर, लक्ष्मण सिंह, रणजीत सिंह, कर्म सिंह, अमर नाथ ठाकुर, रामप्रकाश धीमान, कैप्टन ज्ञान चंद, राजेंद्र शर्मा, संजीव, धर्म सिंह, धर्मपाल ठाकुर, कर्म सिंह, राम पाल, कृष्ण देव, बलदेव आदि मौजूद रहे।