कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू

दूध व दूध से बने पदार्थों के अधिक से अधिक सेम्पल लेने पर बल

 रिकांगपिओ। फूड सेफ्टी को लेकर गठित भारतीय सरँक्षा एवम मानक प्राधिकरण (एफ एस एस ऐ आई) की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी से जुड़े अधिकारियों को हर माह निधार्रित लक्ष्य से अधिक सेम्पल लेने के निर्देश दिये। ताकि उपभोक्ताओं को  गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके। उन्होंने  दूध व दूध से बने पदार्थों के अधिक से अधिक सेम्पल लेने पर भी बल दिया।


उपायुक्त ने फूड सेफ्टी अधिकारियों को ऐसी दुकानों पर नजर रखने के भी निर्देश दिये जो विभिन्न पकवानों की तलाई में प्रयोग किए गये तेल का बार-बार उपयोग करने वाले व्यवसाईयों पर नजर रखने को भी कहा। उन्होंने होटलो ढाबो, रेस्टोरेंट में सफाई ब्यबस्था पर नजर रखने को भी कहा। उपायुक्त ने सेम्पल लेते समय एक्ट के अनुसार सभी नियमों व प्रक्रिया का सही प्रकार से अनुपालना पर बल दिया तथा सभी साक्ष्य को सुरक्षित रखने व सेम्पल को सील करते समय सभी सावधानिया बरतने को कहा ताकि मामला सही प्रकार से न्ययालय में पेश किया जा सके। क्यूकि कई बार सेम्पल लेते समय निर्धारित प्रक्रिया न अपनाने से मामला कमजोर हो जाता है। उन्होनें सेम्पल की रिर्पोट 14 दिन के भीतर प्राप्त करने के लिए प्रयोगशाला से निरन्तर सम्र्पक बनाए रखने पर भी बल दिया। उन्होनें बोर्डिंग स्कूल जैसे जवाहर नवोदय, केन्द्रीय विधालय, एकल्वय स्कूलों व अस्पताल कैन्टीन व अन्य कैन्टीनों से भी सैम्पल लेने के निर्देश दिए ।


सादिक ने कहा खाद्य पदार्थो के कार्य  से जुड़े सभी व्यवसाइयों के पंजीकरण करने पर भी बल दिया। सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी धर्मेंद चैहान ने बैठक की कार्यवाही का सचालन किया उन्होंने बताया किन्नौर जिले खाद्य पदार्थ व्यवसाय से कुल 1315 व्यवसाई पंजीकृत है। जबकि 83 व्यवसाइयों  के पास लाइसेंस है। उन्होंने बताया कि  रिकांगपिओ शहर मे 414, निचार में 372, पूह में 273 व सांगला खंड में 256 व्यवसाई पंजीकृत है। जबकि  रिकांगपिओ शहर मे 48, निचार खण्ड में 18, पूह में 7 तथा सांगला खण्ड में 10 व्यवसाईयों को लाइसेंस जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि जिले के आंगनवाडी केंद्र व मिड डे मील कार्यकताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा व्यवसाईयों  को भी समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में बोर्डिंग स्कूलों, आंगनवाड़ी व स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील की भी समय जांच की जा रही। तथा यहाँ परोसा जाने वाला खाना गुणवत्तापूर्ण पाया गया है। बैठक मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनम नेगी, फूड सेफ्टी अधिकारी अभिषेक ठाकुर, उप निदेशक उच्च व प्रारंभिक, व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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