फारूक अब्दुल्ला पर ईडी का शिकंजा
जम्मू। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित धनशोधन के मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की लगभग 12 करोड़ रुपए मूल्य की आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों को शनिवार को कुर्क कर लिया। इस कार्रवाई पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये संपत्तियां काफी हद तक पैतृक हैं और इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
कुर्क की गई संपत्तियों में 84 वर्षीय नेता का गुपकार रोड पर स्थित एक आवास भी है जहां वह कई दशकों से रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घर 1970 के दशक में उनके पिता दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला द्वारा बनाया गया था, जो पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री थे। ईडी द्वारा यह कार्रवाई आठ चरणों में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव संपन्न होने के कुछ घंटों बाद की गई। केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में अपनी जांच के सिलसिले में की है। एजेंसी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक संपत्तियों की कुर्की के लिए एक अस्थायी अनुलग्नक आदेश जारी किया है, जिसके खिलाफ छह महीने की अवधि के भीतर पीएमएलए के प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।
फारूक अब्दुल्ला के बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके पिता की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के आदेश को “निराधार” करार दिया और आश्चर्य जताया कि पैतृक संपत्ति को अपराध से हासिल संपत्ति के रूप में कैसे देखा जा सकता है। उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, ”उनके पिता फारूक अब्दुल्ला इसको लेकर अपने वकीलों के संपर्क में हैं और इन सभी निराधार आरोपों से अदालत में लड़ेंगे।”