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Himachal News : शिमला तथा मंडी के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा, योजनाओं की दी गई जानकारी
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्ष 2024-25 के लिए विधायक प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने पिछले एक वर्ष के कार्यकाल में कई महत्त्वाकांक्षी एवं एतिहासिक निर्णय लिए जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रदेश सरकार ने अनेक क्षेत्रों में सुधार के लिए प्रयास किए हैं, जिससे व्यवस्था परिवर्तन की राह पर चलते हुए प्रदेश की प्रगति एवं खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
आज दूसरे दिन अन्तिम सत्र में जिला शिमला तथा मंडी के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए लोक निर्माण विभाग की टेंडर प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। अब टेंडर की अवधि 51 दिन से घटाकर 20 दिन की गई है। उन्होंने कहा कि अधूरे भवनों का कार्य पूर्ण करने के लिए बजट का समुचित प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई तथा आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व मामलों को तेजी से निपटाने के लिए प्रदेश भर में हर महीने के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालतें आयोजित की जा रही हैं, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब तक 65 हजार से अधिक इंतकाल तथा 4000 से अधिक तकसीम के मामले इनके माध्यम से निपटाए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने महत्त्वाकांक्षी ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम आरंभ किया है ताकि घर के समीप ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इससे आम जनता के बहुमूल्य समय और धन की बचत भी हो रही है। राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने का अवसर भी मिल रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें।
जिला शिमला
चौपाल से विधायक बलबीर वर्मा ने नेरवा बस डिपो शुरू करने तथा जल शक्ति विभाग के कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने चौपाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने, छैला-चौपाल सड़क के सुधारीकरण कार्य में तेजी लाने तथा स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ तैनात करने का आग्रह किया।
ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने आपदा के दौरान बेहतर कार्यों के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सड़क निर्माण के दौरान जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने क्षेत्र में चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने, ठियोग अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा देनेे व इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध करवाने तथा नारकंडा-हाटू रोपवे स्थापित करने की मांग की।
रामपुर से विधायक नंद लाल ने रामपुर में बाईपास सड़क के सुचारू संचालन के लिए पुल निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कॉलेज, ट्रॉमा सेंटर रामपुर, ननखड़ी महाविद्यालय तथा सीए स्टोर दत्त नगर के निर्माण कार्य में तेजी लाने तथा ज्यूरी में महाविद्यालय खोलने का भी आग्रह किया। उन्होंने आपदा के कारण विभिन्न गांवों में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को घर बनाने के लिए उचित स्थान पर भूमि उपलब्ध करवाने की भी मांग की।
जिला मंडी
करसोग विधानसभा क्षेत्र से विधायक दीप राज ने अपने चुनाव क्षेत्र में बिजली की समस्या को दूर करने तथा सेब उत्पादक क्षेत्रों में आपदा प्रभावित सड़कों को सुधारने का आग्रह किया। उन्होंने तत्तापानी से करसोग सड़क पर दुर्घटना संभावित स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाने तथा करसोग में पार्किंग का निर्माण करने की मांग की। उन्होंने तत्तापानी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
नाचन से विधायक विनोद कुमार ने अपने चुनाव क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया। उन्होंने बस अड्डा गोहर तथा चैलचौक के निर्माण के लिए वन स्वीकृतियां शीघ्र करवाने का आग्रह किया। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में प्रस्तावित दो किसान भवनों का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने तथा चैलचौक-पंडोह सड़क का जीर्णोद्धार करने की मांग भी की।
बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में विद्युत व्यवस्था बेहतर बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कल्खर से रत्ती सड़क को सुदृढ़ करने की मांग करते हुए रिवाल्सर झील सहित क्षेत्र की तीन झीलों का विस्तारीकरण तथा पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिलीप ठाकुर ने सरकाघाट अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में सड़क सुविधा के सुदृढ़ीकरण तथा सरकाघाट के अलावा एक अन्य मिनी सचिवालय बनाने की मांग की।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आज दूसरे दिन अन्तिम सत्र में जिला शिमला तथा मंडी के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए लोक निर्माण विभाग की टेंडर प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। अब टेंडर की अवधि 51 दिन से घटाकर 20 दिन की गई है। उन्होंने कहा कि अधूरे भवनों का कार्य पूर्ण करने के लिए बजट का समुचित प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई तथा आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व मामलों को तेजी से निपटाने के लिए प्रदेश भर में हर महीने के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालतें आयोजित की जा रही हैं, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब तक 65 हजार से अधिक इंतकाल तथा 4000 से अधिक तकसीम के मामले इनके माध्यम से निपटाए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने महत्त्वाकांक्षी ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम आरंभ किया है ताकि घर के समीप ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इससे आम जनता के बहुमूल्य समय और धन की बचत भी हो रही है। राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने का अवसर भी मिल रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें।
जिला शिमला
चौपाल से विधायक बलबीर वर्मा ने नेरवा बस डिपो शुरू करने तथा जल शक्ति विभाग के कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने चौपाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने, छैला-चौपाल सड़क के सुधारीकरण कार्य में तेजी लाने तथा स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ तैनात करने का आग्रह किया।
ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने आपदा के दौरान बेहतर कार्यों के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सड़क निर्माण के दौरान जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने क्षेत्र में चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने, ठियोग अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा देनेे व इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध करवाने तथा नारकंडा-हाटू रोपवे स्थापित करने की मांग की।
रामपुर से विधायक नंद लाल ने रामपुर में बाईपास सड़क के सुचारू संचालन के लिए पुल निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कॉलेज, ट्रॉमा सेंटर रामपुर, ननखड़ी महाविद्यालय तथा सीए स्टोर दत्त नगर के निर्माण कार्य में तेजी लाने तथा ज्यूरी में महाविद्यालय खोलने का भी आग्रह किया। उन्होंने आपदा के कारण विभिन्न गांवों में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को घर बनाने के लिए उचित स्थान पर भूमि उपलब्ध करवाने की भी मांग की।
जिला मंडी
करसोग विधानसभा क्षेत्र से विधायक दीप राज ने अपने चुनाव क्षेत्र में बिजली की समस्या को दूर करने तथा सेब उत्पादक क्षेत्रों में आपदा प्रभावित सड़कों को सुधारने का आग्रह किया। उन्होंने तत्तापानी से करसोग सड़क पर दुर्घटना संभावित स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाने तथा करसोग में पार्किंग का निर्माण करने की मांग की। उन्होंने तत्तापानी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
नाचन से विधायक विनोद कुमार ने अपने चुनाव क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया। उन्होंने बस अड्डा गोहर तथा चैलचौक के निर्माण के लिए वन स्वीकृतियां शीघ्र करवाने का आग्रह किया। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में प्रस्तावित दो किसान भवनों का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने तथा चैलचौक-पंडोह सड़क का जीर्णोद्धार करने की मांग भी की।
बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में विद्युत व्यवस्था बेहतर बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कल्खर से रत्ती सड़क को सुदृढ़ करने की मांग करते हुए रिवाल्सर झील सहित क्षेत्र की तीन झीलों का विस्तारीकरण तथा पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिलीप ठाकुर ने सरकाघाट अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में सड़क सुविधा के सुदृढ़ीकरण तथा सरकाघाट के अलावा एक अन्य मिनी सचिवालय बनाने की मांग की।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।