शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

भूगोल से भेदभाव, एबीवीपी ने सौंपा ज्ञापन

शिमला। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की शोध समिति ने हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में भूगोल विषय के शोधार्थियों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कुलपति तक उन्होंने अपनी समस्या पहुंचाई कि कैसे प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों में भूगोल विषय के साथ भेदभाव किया जा रहा है। शोधार्थियों ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है उसमें उन्होंने तथ्यों के साथ बताया है कि प्रदेश में केवल 13% विद्यालयों और 41% महाविद्यालयों में ही बच्चों को भूगोल विषय पढ़ने का मौका दिया जा रहा है। शोधार्थियों ने यह भी बताया कि पहले तो प्रदेश के कुछ गिने- चुने शिक्षा संस्थानों में ही बच्चों को भूगोल विषय पढ़ने का मौका दिया गया है और उन गिने- चुने संस्थानों में भी प्रवक्ताओं के पद खाली चल रहे हैं। सरकार से आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने बताया की वर्तमान समय में जिन 13% विद्यालयों में भूगोल विषय है वहां भी आधे से ज्यादा शिक्षक पीटीए(PTA) आधार पर नियुक्त किए गए हैं और लगभग 48 स्कूल ऐसे भी हैं

जहां शिक्षक न होने के कारण विषय ही नहीं पढ़ाया जा रहा है। इस बार ‘ स्कूल न्यू लेक्चरर ‘ के पदों का जो आवंटन किया गया है उसमें भूगोल विषय का एक भी पद नहीं है। महाविद्यालयों में भी लगभग 95 पद खाली चले हुए हैं। शोधार्थियों का यह भी कहना है की प्रदेश की भगौलिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं को मध्यनजर रखते हुए भूगोल विषय को पूरे प्रदेश के बच्चों को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाना चाहिए , जिससे प्रदेश की युवा पीढ़ी अपनी भागौलिक परिस्थितियों से अवगत हो सके। ज्ञापन एबीवीपी के प्रदेश सचिव विशाल वर्मा, एबीवीपी शोधार्थी समूह के अध्यक्ष रिंकू कुमार, कन्वेनर आस्था ठाकुर, जियोग्राफी एसोसिएशन अध्यक्ष अजय चांजटा, सचिव विशाल चौहान, खूब राम पाठक,सचिन अग्रवाल, नैना सांभर, दीक्षा कुमारी, ट्विंकल वेद, भावना कुमारी, शबनम मेहता, विशाल शर्मा, वीरेन कुमार, सपना कुमारी एवं अन्य शोधार्थियों द्वारा सौंपा गया।

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