बाबा हरदेव सिंह जी को समर्पित दधोल में समर्पण दिवस मनाया गया
बिलासपुर (विनोद चड्ढा)। युग दृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी का दिव्य सर्वप्रिय स्वभाव व उनकी विशाल आलोकिक सोच, मानव कल्याण को समर्पित थी। उन्होंने पूर्ण समर्पण, सहनशीलता एवं विशालता वाले भावों से युक्त होकर ब्रह्म ज्ञान रूपी सत्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया और विश्व बंधुत्व की परिकल्पना को वास्तविक रूप प्रदान किया। बाबा हरदेव सिंह जी ने 36 वर्षों तक सतगुरु रूप में निरंकारी मिशन की बागडोर संभाली। उन्होंने आध्यात्मिक जागृति के साथ-साथ समाज कल्याण के लिए भी अनेक कार्यों को रूपरेखा प्रदान की। जिनमें मुख्यत *रक्तदान, ब्लड बैंक का गठन, नेत्र जांच शिविर, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण अभियान आदि के आयोजन का बहुमूल्य योगदान रहा। एक आदर्श समाज की स्थापना हेतु महिला सशक्तिकरण एवं युवाओं की ऊर्जा को नया आयाम देने के लिए भी बाबा जी ने कई परियोजनाओं को आशीर्वाद दिया। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदाओं के समय में भी उनके निर्देशन में मिशन द्वारा निरंतर सेवा निभाई गई। बाबा जी ने मानवता का दिव्य स्वरूप बनाने हेतु निरंकारी संत समागम की अविरल श्रंखला को निरंतर आगे बढ़ाया!जिसमें उन्होंने सभी को ज्ञान रूपी धागे में पिरो कर प्रेम एवं नमृता जैसे दिव्य गुणों से परिपूर्ण किया! “इंसानियत ही मेरा धर्म है”इस कथन को चरितार्थ करते हुए संत निरंकारी मिशन की शिक्षा को छोटे-छोटे कस्बों से लेकर दूर देशों तक बाबा जी ने विस्तृत किया। उन्होंने सदैव यही समझाया की भक्ति की धारा जीवन में निरंतर बहती रहनी चाहिए।
बाबा हरदेव सिंह जी को मानव मात्र की सेवाओं में अपना उत्कृष्ट योगदान देने के लिए देश-विदेश में सम्मानित भी किया गया। उन्हें 27 यूरोपियन देशों की पार्लियामेंट में विशेष तौर पर सम्मानित किया। और मिशन को संयुक्त राष्ट्र (यू एन) का मुख्य सलाहकार भी बनाया गया। साथ ही विश्व में शांति स्थापित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज बाबा हरदेव सिंह जी की सिखलाईयों का जिक्र करते हुए कहते हैं, बाबा जी ने अपना संपूर्ण जीवन ही मानव मात्र की सेवा में समर्पित कर दिया। मिशन का 36 वर्षों तक नेतृत्व करते हुए उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को मानवता का पाठ पढ़ा कर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। बाबा जी ने जीवन के हर क्षेत्र में सदैव सर्वशक्तिमान निरंकार की इच्छा पर विश्वास करने पर बल दिया । सतगुरु माता जी अक्सर कहते हैं कि हम अपने कर्म रूप में एक सच्चे इंसान बनकर प्रतिपल समर्पित भाव से अपना जीवन जीयें यही सही मायनों में बाबा जी के प्रति हमारा सबसे बड़ा समर्पण होगा। और उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
मानव कल्याण के प्रति समर्पित सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी जीवन पर्यंत एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रुप में मानवता को सत्य का मार्ग दर्शाते रहे। इस दृष्टिकोण को सकारात्मक स्वरूप देते हुए वर्तमान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एक नई ऊर्जा एवं तन्मयता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं!
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेश अनुसार इस वर्ष समर्पण दिवस का आयोजन एक विशाल निरंकारी संत समागम के रूप में बिलासपुर जिला के दधोल निरंकारी ब्रांच में जिला स्तरीय समागम का आयोजन किया गया।यह समागम देश एवं विदेश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया गया ! जहां सभी भक्त बड़ी संख्या में एकत्रित होकर बाबा हरदेव सिंह जी को स्मरण किया। और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर पूर्ण सकारात्मक एवं समर्पण के साथ चलने के संकल्प को दोहराया। इसी श्रंखला में जोनल इंचार्ज गोबर्धन दास जी ने सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी के द्वारा किए गए उपकारों का जिक्र किया और वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा दिए गए वचनों पर चलने की प्रेरणा दी। वर्तमान समय में जहां हर और वैर, ईर्ष्या, द्वेष का वातावरण व्याप्त है, प्रत्येक मानव दूसरे मानव का केवल अहित ही करने में लगा हुआ है, ऐसे समय में बाबा हरदेव सिंह जी के प्रेरक संदेश की कुछ भी बनो मुबारक है, पर पहले तुम इंसान बनो: दीवार रहित संसार, एक को जानो एक को मानो एक हो जाओ आदि को जीवन में अपनाने की नितांत आवश्यकता है! तभी सही मायने में विश्व में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो सकता है। इस मौके पर क्षेत्रीय संचालक , पवन राणा,सहित सभी ब्रांचों के मुखी ओर संचालक महात्मा उपस्थित थे।