कोविड-19 : नए संक्रमण मामलों में उछाल, डेल्टा वैरिएंट 132 देशों में पहुंचा
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस का नया वैरियेंट डेल्टा खूब कहर बरपा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के ताज़ा आँकड़ों के मुताबिक़ अमेरिकी और पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में बड़े स्तर पर नए मामले सामने आए हैं।
यूनएन समाचार के अनुसार, दोनों क्षेत्रों में संक्रमण मामलों में क्रमश: 30 फ़ीसदी और 25 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है, जिसकी वजह से मृतक संख्या में तेज़ उछाल आया है और 69 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई।
पिछले सप्ताह कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या, उससे पहले के हफ़्ते की तुलना में 21 फ़ीसदी बढ़ी है।
यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहे तो वैश्विक स्तर पर अगले दो हफ़्तों में, अब तक पुष्ट मामलों की संख्या 20 करोड़ का आँकड़ा पार सकती है।
क्षेत्रीय स्तर पर हालात
यूनएन समाचार के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है, मगर यह तीन फ़ीसदी की रफ़्तार से हुई है जो उससे पहले के सात दिनों की तुलना में कम दर है।
योरोप को छोड़ कर सभी क्षेत्रों में मृतक संख्या बढ़ी है – वहाँ मौतों के मामले, उससे पहले के सप्ताह जैसे ही दर्ज किये गए हैं।
यूएन एजेंसी का कहना है कि सात दिनों में, सबसे अधिक संख्या में नए मामले अमेरिका में दर्ज किये गए, जहाँ पाँच लाख से ज़्यादा संक्रमणों की पुष्टि हुई है। यह संख्या 131 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्शाती है। इसके बाद ब्राज़ील का स्थान है जहाँ तीन लाख 24 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए, इण्डोनेशिया में दो लाख 89 हज़ार संक्रमण मामलों की पुष्टि हुई, ब्रिटेन में दो लाख 82 हज़ार और भारत में दो लाख 65 हज़ार मामले देखे गए। विश्व भर में अब तक कोविड-19 के 19 करोड़ 46 मामले सामने आ चुके हैं और 41 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। कोविड-19 वैक्सीन की तीन अरब 70 करोड़ ख़ुराकें दी जा चुकी हैं।
कोरोनावायरस के नए प्रकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के चार नए रूपों व प्रकारों को चिन्ताजनक (variants of concern) क़रार दिया है। इनमें अल्फ़ा वैरिएंट 182 देशों में मौजूद है, बीटा वैरिएंट के मामले 131 देशों में सामने आए हैं, गामा वैरिएंट के मामलों की 81 देशों में पुष्टि हुई है जबकि डेल्टा वैरिएंट 132 देशों में दस्तक दे चुका है। कोरोनावायरस के नए प्रकारों के सम्बन्ध में वैक्सीन की प्रभावशीलता पर किये गए अनेक नए अध्ययन दर्शाते हैं कि वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक पाने वाले संक्रमित व्यक्ति के घर में अन्य सदस्यों के संक्रमण मामलों में पचास फ़ीसदी की कमी लाना सम्भव हुआ है। संगठन के मुताबिक़ वैक्सीन की दोनों ख़ुराकें पाने के 7 से 14 दिनों के बाद वायरस फैलाव का जोखिम और भी कम हुआ है। यूएन एजेंसी ने बताया कि वैक्सीन प्रभावशीलता पर 90 से ज़्यादा अध्ययन, अभी तक महज़ तीन देशों से आए हैं, जहाँ बहुत पहले से ही टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी। ये देश इसराइल, ब्रिटेन और अमेरिका हैं।
स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के नए वैरिएंट के विरुद्ध वैक्सीन की प्रभावशीलता पर जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमण के गम्भीर मामलों, अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने से बचाने मं वैक्सीन की प्रभावशीलता, कम गम्भीर लक्षण वाली बीमारी के मामलों से ज़्यादा है। संगठन का कहना है कि ज़्यादा गम्भीर मामलों में वैक्सीन की प्रभावशीलता ऐस्ट्राज़ेनेका-वैक्सज़ेवरीया, मोडर्ना-mRNA-1273, फ़ाइज़र बायोएनटेक कॉमीरनैटी और सिनोवाक-कोरोनावैक के लिये 80 फ़ीसदी से ज़्यादा है।