हिमाचल

सरकार को मॉनसून के बारे में पता था, पर व्यवस्था बैठक नहीं की : जयराम

शिमला। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में बाढ़ और बरसात के कारण भारी क्षति हुई है। जान एवं माल दोनों की क्षति बड़ी तादात में हुई है, यह अप्रत्याशित बारिश थी और हिमाचल में 170 से ज्यादा जानें गई हैं।



जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर इस आपदा की घड़ी में राजनीति करने की शुरुआत हुई है तो वह कांग्रेस सरकार ने की है। विपक्ष की ओर से राजनीति कभी की नहीं गई थी। इस संकट की घड़ी में विपक्ष सरकार के साथ और हिमाचल की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।



लगातार सत्ता पक्ष भाजपा पर को आरोप लगाने का प्रयत्न कर रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब हमारी सरकार सत्ता में थी तो हमने बाढ़ ,कोविड-19 जैसी बड़ी महामारीयां देखी पर उस टाइम भी हिमाचल में इस प्रकार की विफल प्रबंधन नहीं हुआ।



उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर साल 3 दौर आते हैं बरसात, गर्मी, सर्दी। बरसात में बाढ़, गर्मी में सूखा और बर्फ में सर्दी की तैयारियां की जाती है। इन तैयारियों को लेकर प्रबंधन की दृष्टि से राज्य स्तर की बैठक का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री और अफसर दोनों भाग लेते हैं। पर इस बार ऐसी कोई बैठक नहीं हुई। इस सरकार को पता था कि भारी बारिश आने वाली है, मॉनसून जल्दी आने वाला है, तो बैठक को भी जल्दी करना चाहिए था। विपक्ष की भूमिका होती है कि जहां कमी रही है उसको सरकार के समक्ष लाया जाए, पर विपक्ष को राजनीति के लिए जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है।



उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी हिमाचल प्रदेश की वस्तुस्थिति बताई और उनको बताया कि नेशनल हाईवे, सड़कों को कितना नुकसान हुआ है। हमसे उनसे निवेदन किया कि आप हिमाचल आएं और इसका जायजा ले, वह तुरंत मान गए। अब नितिन गडकरी 1 अगस्त को कुल्लू मनाली आएंगे और उसके बाद एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे।


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