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मुख्यमंत्री ने सोसाइटियों को किया पुरस्कृत
शिमला। नाबार्ड को कृषि के क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित करते हुए काम करना चाहिए, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज का समूहन’ विषय पर आयोजित नाबार्ड स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2021-22 की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर-2021-22 और ‘वेरियस रिफाइनेन्स स्कीमज आॅफ नाबार्ड’ पर आधारित पुस्तिका भी जारी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों को प्रदेश के सभी पात्र किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने चाहिए। जय राम ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि नाबार्ड और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच व्यवसायिक और व्यक्तिगत सम्बन्धों से प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने पांच किसान संगठनों, विजेश्वरी एग्रो मार्किटिंग काॅपरेटिव सोसाइटी सिरमौर, शिवम मिल्क प्रोड्यूसर काॅपरेटिव सोसायटी नालागढ़ जिला सोलन, मणीमहेश किसान उत्पादक काॅपरेटिव सोसायटी भरमौर जिला चम्बा, सब्जी उत्पादक काॅपरेटिव सोसाइटी करसोग जिला मण्डी और हिम ग्रामीण कृषि उत्पादक एवं मार्केटिंग काॅपरेटिव सोसाइटी धनाली जिला कुल्लू को उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया।
कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि नाबार्ड को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकासात्मक आवश्यकताओं की गहरी जानकारी है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड केन्द्र सरकार के उन संगठनों में से एक है, जिसकी जिला विकास प्रबन्धकों के माध्यम से राज्य के जिला स्तर तक सीधी पहुंच है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में मनरेगा के तहत प्रदेश में 2.60 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न गतिविधियों जैसे बकरी पालन, डेयरी फार्मिंग, सूअर पालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन आदि में अधिक ऋण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर लघु व्यवसाय आरम्भ करने की आवश्यकता है।