उपलब्धिः घुमारवीं की अनुपम अमेरिका में सिर गर्दन के कैंसर व उसके बचाव पर करेगी रिसर्च

घुमारवीं (विनोद चड्ढा कुठेड़ा बिलासपुर) । घुमारवीं शहर की शास्त्री कॉलोनी के दया राम की पुत्री डॉ कुमारी अनुपम अमेरिका में सिर गर्दन के कैंसर ब उसके बचाव पर रिसर्च करेंगी। 32 बर्षीय कुमारी अनुपम ने 13 जुलाई को अमेरिका में सेंट लुइस विष्वविद्यालय के मेडिसन डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी में पदभार सम्भाला। डॉ अनुपम ने बताया कि बे पिछले 3 बर्षो से पी जी आई चंडीगड़ में बतौर सिनियर रेसिडेंट / डेमोस्ट्रेटर के पद पर कार्यरत थी। उसके बाद उन्हें एम्स बिलासपुर कोठीपुरा में सीनियर रेजिडेंट / डेमोस्ट्रेटर का कार्यभार दिया गया जब यहाँ एम्स का शुभारंभ हुआ। अमेरिका जाने से पहले डॉ अनुपन एम्स में बतौर सीनियर रेजिडेंट/ डेमोस्ट्रेटर सेवायें दे रही थी। डॉ अनुपम ने 10 जमा 2 तक की शिक्षा मेडिकल सनकाय में राजकीय बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घुमारवीं से प्राप्त की।
उसके बाद उनोहने सारी शिक्षा मेडिकल संकाय में पंजाब विश्विद्यालय चंडीगड़ से ग्रहण की।तथा सभी राज्य , राष्ट्रीय पात्रता परीक्षायें इसी अबधि में प्राप्त की। डॉ अनुपम इससे पूर्व जापान होंगकोंग ब कई अन्य देशों में जा चुकी है। डॉ अनुपम अब अमेरिका में सिर गर्दन के कैंसर ब उसके बचाव पर खोज करेंगी। उन्हें अमेरिका में 40 लाख रुपये का सालाना बेतन ब अन्य सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि बे अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिये अमेरिका गई है और अपने बिषय पर पूरी खोज करके हिमाचल में अपनी सेवाएं देंगी। डॉ अनुपम के पिता शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए है और उनकी माता गृहणी है । डॉ अनुपम के एक भाई है जो नबोदय विद्यालय में प्रबकता के पद पर सेवारत है। जबकि उनकी दो बहनें शिक्षा विभाग में प्रबकता के पद पर कार्यरत है।डॉ अनुपम ने अपनी कामयाबी का प्रेणास्त्रोत अपने माता पिता अपने भाई बहनों ब पीएच डी में रही गाइड प्रोफेसर अर्चना भटनागर को माना। डॉ अनुपम की कड़ी मेहनत ने घुमारवीं का ही नही बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम ऊंचा किया है।