शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि जयराम सरकार की कैबिनेट ने प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा है। उन्होंने कहा मंत्रिमण्डल ने महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित परिवहन क्षेत्र को लगभग 40 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है, जिसके अन्तर्गत स्टेज कैरिज ऑपरेटर के लिए कार्यशील पूंजी पर ब्याज अनुदान योजना शामिल है। इसके तहत प्रति बस 2 लाख रुपये की ऋण राशि और अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ऋण राशि बस ऑपरेटरों को कार्यशील पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी। ऋण की अवधि 5 वर्ष के लिए होगी, जिसमें एक वर्ष अधिस्थगन अवधि का होगा। इसके अन्तर्गत 75 प्रतिशत ब्याज अनुदान रहेगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। दूसरे वर्ष में ब्याज पर 50 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना पर सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपए की राहत प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा मंत्रिमण्डल ने स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा और इंस्टीट्यूशन बसों को भी आवश्यक राहत प्रदान प्रदान करते हुए 1 अगस्त, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक विशेष रोड टैक्स और टोकन के भुगतान पर 50 प्रतिशत की राहत दी है। परिवहन क्षेत्र को इस निर्णय से लगभग 20 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
इस संकट की घड़ी में सरकार ने बेरोज़गारी से लड़ने के लिए मंत्रिमण्डल ने जल शक्ति विभाग को राज्य में 486 पेयजल एवं 31 सिंचाई योजनाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभागीय पैरा वर्कर्स नीति के तहत विभिन्न श्रेणियों के 2322 पदों को भरने का निर्देश दिया। आईजीएमसी शिमला ट्रॉमा केयर सेंटर व आईजीएमसी शिमला के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक चमियाना के सुचारू संचालन और प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 401 पदों को सृजित कर भरने के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के 328 पद आउटसोर्स के आधार पर भरने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने कोविड महामारी के कारण मृत्यु होने पर परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (प्रायोरिटी हाउसहोल्ड कैटेगरी) के अन्तर्गत शामिल करने का निर्णय लिया है। जो कि सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना 2019 में सेवा उद्यमों और सम्बन्धित मालवाहक वाहनों को संयुक्त सम्बन्धित गतिविधियों के रूप में जोड़ने के लिए आवश्यक सुधार किए जाने की स्वीकृति दी। योजना के तहत वर्तमान में संयंत्र तथा मशीनरी में 40 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ाकर 60 लाख रुपये तथा वर्तमान में 60 लाख रुपये की कुल परियोजना लागत को अधिकतम एक करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया गया। इससे युवा आत्मनिर्भर होगा और रोजगार देने वाला बनेगा। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यो से आने वाले लोगों के लिए अब सरकार द्वारा आर टी पी सी आर रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है जिससे प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और पर्यटन व्यवसाय को भी संजीवनी मिलेगी।
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