Video : भारत का आदित्य- एल1 चला सूरज की ओर, इसरो ने सूर्य मिशन को किया लॉन्च
श्रीहरिकोटा। चांद के बाद अब सूर्य की बारी है। भारत के वैज्ञानिकों ने आज सूरज के राज पता करने ‘आदित्य-एल1’ को भेजा है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से देश के पहले सोलर मिशन को लॉन्च किया गया। अगले लगभग चार महीनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर यह L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। सूर्य से कई करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुए ‘आदित्य’ उसे लगातार निहारेगा। सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश होगी। ठीक उसी तरह, जैसे अभी चंद्रयान-3 हमें चंद्रमा के बारे में रोज नई जानकारियां दे रहा है।
One More Burnol Moment For Britishers 😂😂#AdityaL1Launch pic.twitter.com/DKdStsPv3O
— The Rishabh Veera🇮🇳 (@RishabhVeera) September 2, 2023
चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के बाद ISRO सूर्य की स्टडी के लिए अपना पहला मिशन भेज रहा है। आदित्य L1 नाम का यह मिशन सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV-C57 रॉकेट से श्री श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के करीब 4 महीने (109 दिन) बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है।
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लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) क्या है?
लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है।
ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।