Jai Mata ki : माता श्री चिंतपूर्णी श्रावण अष्टमी मेला 17 से 25 अगस्त तक
ऊना। प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर माता श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले का आयोजन इस वर्ष 17 से 25 अगस्त तक किया जाएगा। मेले के सफल आयोजन को लेकर मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर की अध्यक्षता में चिंतपूर्णी में बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि 17 से 25 अगस्त तक चलने वाले माता श्री चिंतपूर्णी आश्रवण आष्टमी मेले में एडीसी मेला अधिकारी, एसडीएम अंब सहायक मेला अधिकारी जबकि एएसपी पुलिस मेला अधिकारी तथा डीएसपी अंब को सहायक पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
एडीसी ने कहा कि मेले के दौरान मां चिंतपूर्णी का मंदिर चैबीसों घंटे खुला रहेगा और साफ-सफाई के लिए रात्रि 11-12 बजे तक मंदिर को एक घंटे के लिए बंद किया जाएगा। जबकि दोपहर 12 से 12.30 बजे तक मां के श्रृंगार व भोग इत्यादि के लिए भी मंदिर बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान ढोल नगाड़े, लाउडस्पीकर व चिमटा इत्यादि बजाने के अतिरिक्त प्लास्टिक व थर्मोकोल के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा मालवाहक वाहनों के माध्यम से माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर आने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि नियमों की उल्लंघना करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को दस सैक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होमगार्ड के जवानों सहित त्वरित कार्यबल की टीमें तैनात रहेगी तथा कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस का एक कमांडो दस्ता आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान डॉग स्क्वायड का प्रबंध भी किया जाएगा। सभी सैक्टरों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी।
एडीसी ने बताया कि मेले के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह अस्थाई शौचालय बनाए जाएंगे तथा ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए रिकवरी वैन तैनात की जाएगी। भिक्षावृत्ति पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी की टीमों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसें भी चलाई जाएंगी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए विभिन्न स्थानों पर एलोपैथिक तथा आयुर्वैदिक कैंप स्थापित किए जाएंगे। किसी भी आपदा अथवा आग इत्यादि की घटना से निपटने के लिए अग्निशमन वाहन तैनात रहेंगें।
एडीसी ने कहा कि निजी सरायों में उनके प्रबंधक अग्निशमन उपकरण लगाना सुनिश्चित करें और प्रशासन इनकी जांच भी करवाएगा। उन्होंने कहा कि मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की उचित सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मेला शुरू होने से पूर्व सड़कों की व्यवस्था को भी दुरूस्त करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मेले में आने वालों श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेना अनिवार्य होगा।
उन्होंने विद्युत विभाग को मेलावधिक दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के लिए विद्युत लाईनों का आवश्यक रख-रखाव करना सुनिश्चित करें ताकि मेले के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा मेले के दौरान अस्थाई रूप से अतिरिक्त स्ट्रीट लाईटें भी लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान पीने के पानी के छः स्थानों पर स्टोल लगाए जाएंगे। उन्होंने जल शक्ति विभाग का निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल भंडारण टैंकों का क्लोरिनेशन करना भी सुनिश्चित करें।
लंगर लगाने की लेने होगी अनुमति
एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि श्रावण आष्टमी मेले के दौरान लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके लिए लंगर के आयोजक को 10 हजार रुपए सिक्योरिटी देनी होगी। आयोजक को लंगर की समाप्ति के बाद साफ-सफाई भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि मेलावधि के दौरान डीएफएससी ऊना नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे।
उन्होंने बैठक के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों से मेले के सफल आयोजन के लिए अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करने की अपील भी की। बैठक में एसडीएम अंब विवेक महाजन, मंदिर अधिकारी अजय सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व संबंधित पंचायतों के प्रधान उपस्थित रहे।