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अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव नए कलेवर दिखेगा; सांस्कृतिक संध्याओं का होगा आयोजन

कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में बहुत कुछ नए कलेवर में भी दिखेगा। कुल्लू का सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय लोक नृत्य उत्सव दशहरा इस वर्ष 5 से 11 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। इसे आजादी के अमृत महोत्सव से जोड़ा जाएगा। यह जानकारी दशहरा उत्सव की तैयारियों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने दी। उन्होंने कहा कि ‘स्मारिका’ इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होती है, जो उत्सव की स्मृतियों को संजोकर रखने का कार्य करती है। स्मारिका को एक नये स्वरूप में प्रकाशित किया जाएगा। स्मारिका में नवोदित लेखकों व इतिहासकारों के लेख शामिल किये जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि सांस्कृतिक संध्याएं इस बार दो साल के बाद आयोजित की जाएंगी। सभी संध्याएं आकर्षक और शानदार हों इसके लिए प्रत्येक संध्या का आयोजन एक विशेष थीम को लेकर किया जाएगा। पांच अक्टूबर से पहली संध्या सूफ़ी, दूसरी पंजाबी गीत-संगीत, तीसरी क़व्वाली, चौथी कॉमेडी, पांचवी अमृत महोत्सव नाइट विथ पोलिस बैंड, छटी सुपर स्टार नाइट, सातवीं पहाड़ी नाइट के रूप में आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि बेशक स्थानीय कलाकारों को सभी सातों संध्याओं में पूरा अधिमान दिया जाएगा, लेकिन इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि उत्सव का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप बना रहे। इसके लिये विभिन्न देशों, देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रदेश के समस्त जिलों की सांस्कृतिक झलक दशहरा में बखूबी दिखाई देगी।
डिजिटल स्क्रीनों के माध्यम से सांस्कृतिक संध्याओं को ढालपुर मैदानों में भी लोग देख सकेंगे
उन्होंने कहा कि उत्सव में स्थानीय कलाकारों को अवसर प्रदान करना उत्सव समिति का दायित्व है। इसके लिये स्थानीय कलाकारों की छंटनी का कार्य करने के लिये एक समिति का गठन किया जाएगा और ऑडिशन के माध्यम से ही कलाकार मंच पर जाएंगे। डिजिटल स्क्रीनों के माध्यम से सांस्कृतिक संध्याओं को ढालपुर मैदानों में भी लोग देख सकेंगे।उन्होंने कहा कि दशहरा उत्तरी भारत का सबसे बड़ा उत्सव है जहां हर रोज लाखों की संख्या में लोग व सैलानी आते हैं। उन्होंने ने कहा कि कुल्लू शहर में सड़कों, बिजली और पेयजल लाईनों की मरम्मत, सफाई व्यवस्था, ढालपुर मैदान और देवी-देवताओं के अस्थायी स्थलों के सौंदर्यीकरण के कार्य तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। दशहरा उत्सव के लिए जिला के देवी-देवताओं को आयोजन समिति की ओर से आमन्त्रित कर पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। देवी-देवताओं और इनके साथ आने वाले देवलुओं को आयोजन समिति की ओर से सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। मेला स्थल पर किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। अग्निशमन विभाग के मानकों के अनुसार ही दुकानें और अन्य स्टॉल लगाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला स्थल पर पर्याप्त कूड़ेदान और अस्थायी शौचालय स्थापित किए जाएंगे तथा नगर परिषद के माध्यम से अतिरिक्त सफाई कर्मी तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा तथा यातायात प्रबंधों को लेकर जिला पुलिस एक व्यापक प्लान तैयार करेगी तथा शहर में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि कोविड के प्रति सतर्कता बरतते हुए सभी लोग यथासम्भव दशहरा उत्सव में आने से पूर्व अपनी एहतियाती कोविड टीका की डोज़ अवश्य लगाएं। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रशांत सरकैक ने किया। उन्होंने एजेंडा प्रस्तुत किया जिसपर मदवार विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। एसपी गुरदेव शर्मा, एसडीएम विकास शुक्ला, सहायक आयुक्त शशिपाल नेगी, होमगार्ड के कमांडेंट निश्चिंत नेगी, सीएमओ डॉ सुशील चंद्र सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने सुझाव दिये।