उत्तराखंडदेश-दुनियादेहरादून, उत्तरकाशी, बागेश्वर, टिहरी

खतरा : नदी पर बनी एक किलोमीटर लंबी झील, टूटी तो मचेगी तबाही

बागेश्वर। रसात का मौसम आते ही राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में तबाही का आलम भी शुरू हो जाता है। कहीं भूस्खलन होने से यातायात बाधित होते रहता है तो कहीं बादल फटने, अतिवृष्टि आदि घटनाओं से होने वाली त्रासदी में क‌ई लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है। सच कहें तो बरसात के ये चार महीने पहाड़ के वाशिंदों के लिए किसी चुनौतीपूर्ण समय से कम नहीं होते हैं। उन्हें पल-पल अपनी और अपने परिजनों की चिंता सताते रहती है।


आम जनमानस की चिंता को बढ़ाने वाली ऐसी ही एक खबर राज्य के बागेश्वर जिले से सामने आ रही है जहां वर्षों से लगातार होते भूस्खलन से सीमांत कुंवारी गांव के नजदीक बहने वाली शंभू नदी में एक झील बन गई है। बताया गया है कि इस झील का आकार वर्तमान में 1 किमी तक फैला हुआ है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल ग़लत नहीं होगा कि अगर समय रहते झील से पानी की निकासी के लिए कोई पहल नहीं की जाती है तो इसके विकराल रूप लेने पर भविष्य में तबाही का एक भयावह मंजर देखने को मिल सकता है।



जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के अंतिम गांव कुंवारी से करीब दो किमी आगे भूस्खलन के मलबे से शंभू नदी में झील बन गई है। बता दें कि शंभु नदी बागेश्वर एवं चमोली जिले की सीमाओं का निर्धारण करती है। शंभु नदी, पिंडर नदी की एक सहायक नदी है, जिसका संगम कुंवारी गांव से लगभग पांच किलोमीटर आगे पिंडर नदी से होता है। बता दें कि पिंडर नदी चमोली जिले में थराली, नारायण बगड़ से होते हुए कर्णप्रयाग में जाकर अलकनंदा से मिलती हैं। जिस कारण यह दावा भी किया जा रहा है कि यदि शंभु नदी में बनी यह झील भविष्य में किसी कारणवश टूटती है तो चमोली जिले में भारी नुकसान हो सकता है। स्था


नीय ग्रामीणों की मानें तो यह झील बोरबलड़ा के तोक भराकांडे से करीब चार किमी और कुंवारी गांव की तलहटी से करीब दो किमी दूर कालभ्योड़ नामक स्थान पर बनी है। जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची राजस्व पुलिस एवं प्रशासन की टीम ने झील का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है।


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button