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राज्य में स्थापित की जा रही हैं 59 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं

शिमला। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता संगठन के निदेशक व मुख्य अभियंता इंजीनियर जोगिंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भारत सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग ने न केवल हर घर नल से जल उपलब्ध करवाने का कार्य किया है, बल्कि जल गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्वर्णिम जयंती कार्यक्रम की

श्रृंखला में जून व अक्तूबर माह तथा अटल बिहारी वाजपेयी जयंती के उपलक्ष्य में 25 दिसंबर से 24 जनवरी तक शुद्ध जल अभियान चलाया गया, जिनमें कुल 90958 (जून माह में 22697 अक्तूबर माह में 42004 और 25 दिसंबर से 24 जनवरी तक 26257) जल नमूनों के परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से किए गए। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग व कार्यन्वयन सहायता एजेंसी की सहभागिता से जल शुद्धता के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रयोगशालाओं व फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से लोगों को जल नमूना परीक्षण सिखाया जा रहा है।



निदेशक ने कहा कि जल जीवन मिशन के शुरू होने से पहले आमजन के लिए जल शुद्धता परीक्षण का फील्ड टेस्ट किट के अतिरिक्त कोई दूसरा माध्यम नहीं था लेकिन अब जल जीवन मिशन के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित कर आमजन के लिए जल शुद्धता परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करवा एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 59 प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं,

जिनमें 14 जिला स्तरीय, 45 उपमण्डल स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं। अब तक राज्य की 44 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय मानकों के आधार पर नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेटरी (एनएबीएल) से प्रमाणिकता मिल चुकी है। इसके अतिरक्ति प्रदेश में एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भी स्थापित की जा रही है। जिसमें जल नमूनों के राष्ट्रीय ब्यूरो मानक के हिसाब से सभी भौतिक, रासायनिक व जीवाणु जल नमूनों के परीक्षण किए जाएंगे, जो शुद्ध जल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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