उत्तराखंड में सियासी भूचाल, हरक सिंह रावत का मंत्री पद छोड़ने का ऐलान

देहरादून। अभी तक कांग्रेस के विवाद में मजे ले रही भाजपा को बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोटद्वार में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज को लटका रही है। ऐसे में वे अब काम नहीं कर सकते हैं। हरक सिंह रावत ने कैबिनेट की बैठक के दौरान ये इस्तीफा दिया है। वह मेडिकल कॉलेज का जीओ जारी न होने पर नाराज नजर आए। उन्हें मनाने के लिए पीछे पीछे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल निकल गए। उन्हें मनाने की कोशिश हुई, लेकिन वह नहीं माने। उधर, चर्चा ये भी है कि हरक सिंह रावत दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
हरक सिंह रावत ने कहा है कि 5 साल से अपने क्षेत्र के लिए मेडिकल कॉलेज मांग रहा था, लेकिन इन लोगों ने मुझे भिखारी सा बना दिया। वे इतने ज्यादा नाराज नजर आए कि उनकी आंखे नम हो गईं और वे रोने भी लगे। उनके मुताबिक उनकी अपनी सरकार ने उनकी इस मांग को नजरअंदाज किया। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में उनकी सीएम पुष्कर सिंह धामी से बहस हुई। इसके बाद वह नाराज होकर चले गए। उन्होंने कहा कि ऐसे में मेरा मंत्री होने का क्या फायदा।
सूत्रों के मुताबिक सचिवालय में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में 45 के करीब प्रस्ताव आए थे। इनमें कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव नहीं आने पर वह भड़क गए। वह कैबिनेट की बैठक को बीच में छोड़कर निकल गए। उनके पीछे सीएम धामी भी निकल गए। उन्होंने भी पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत भी बाहर निकले। बताया गया कि उन्होंने हरक सिंह रावत रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। धन सिंह रावत से इस्तीफे की बात पूछी गई, तो वह सिर्फ ये ही कहते रहे कि हरक सिंह रावत सीनियर नेता हैं। इसके अलावा वह कुछ नहीं बोल पाए। साथ ही वह बार बार यही दोहराते रहे कि कैबिनेट की बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई है। हालांकि हरक सिंह रावत ने लिखित इस्तीफा नहीं दिया। सिर्फ मौखिक घोषणा की, ऐसे मैं माना जा रहा है कि उन्होंने अभी बातचीत की गुंजाइश छोड़ी हुई है।