राजकीय टीजीटी संघ ने प्रदेश सरकार से उठाई मांग, टीजीटी को मिले वरिष्ठता लाभ
शिमला। वर्ष 2002 में प्रदेश में टीजीटी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर ने कमीशन से 75 प्रतिशत पद भरने थे, जबकि जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति प्रक्रिया से शेष 25 प्रतिशत भरे जाने थे। 26 फरवरी, 2002 को जेबीटी से टीजीटी प्रोमोशन के लिए डीपीसी करके ये 25 प्रतिशत पद भर दिए गए थे, मगर कमीशन से भरे जाने वाले 75 प्रतिशत पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लटका दी गई। 30 अक्तूबर, 2002 को टीजीटी भर्ती कमीशन का परिणाम आने के बाद लटकी भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2009 से 2012 के मध्य विभिन्न कोर्ट केस फैसलों के अनुसार पूर्ण हुई।
हाई कोर्ट ने 14 नवंबर, 2011 को दिए फैसले में इन टीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से नियमित करने के आदेश दिए थे, मगर इसके चलते इनको पुरानी पेंशन और वरिष्ठता के देय लाभ नहीं मिल पाए, जिनके ये हकदार थे। इन लाभों को वर्ष 2002 से देने के लिए इन शिक्षकों ने लंबे समय से संघर्ष किया, मगर दो दशक बाद भी देय लाभ की प्रतीक्षा में हैं। हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन व वरिष्ठता सहित देय शेष न्यायोचित लाभ दें।
राउंड ऑफ फार्मूला तय करे शिक्षा बोर्ड
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कक्षा 9 के परिणाम में राउंड ऑफ का भी सूत्र जारी करे और सभी प्रारंभिक कक्षाओं के परिणाम निर्धारण के लिए स्पष्ट फार्मूला दे। एफए 1 से 4, एसए 1 से 2 का परीक्षा परिणाम बनाने के लिए अंक भारिता और राउंड ऑफ सूत्र स्पष्ट किया जाए। समग्र शिक्षा अभियान ई-संवाद ऐप को दुरुस्त करें, जो कि अपडेट करने पर काम नहीं कर रही, मगर डिलीट करके फिर से डाउनलोड करने पर काम कर रही है।