शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
राज्यपाल सचिवालय में ई-आफिस कार्यान्वित
शिमला । हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल सचिवालय को आज से पूरी तरह से ई-आफिस में बदल दिया गया है। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के निर्देशानुसार सचिवालय का कामकाज पूरी तरह से आनलाइन कर दिया गया है। राज्यपाल ने राजभवन में इस परियोजना को पूरा करने और क्रियान्वित करने के लिए सचिव प्रियतु मंडल को बधाई दी। राज्यपाल के सचिव ने राज्यपाल को ई-आफिस साॅफ्टवेयर से अवगत करवाया और कहा कि इस परियोजना के कार्यान्वयन से कार्य में पारदर्शिता और गति आएगी तथा समय की भी बचत होगी।
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल के निर्देशानुसार अगस्त माह से ई-आफिस का कार्य प्रारंभ किया गया था, जिसे 22 अक्तूबर को पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य सूचना प्रौद्योगिकी एवं एनआईसी के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ है। ई-आफिस समाधान को एनआईसी नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है और वित्त वर्ष 2016-17 से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 500 फाइलों को स्कैन कर आनलाइन कर दिया गया है, जिसके लिए करीब 82 हजार पेपर स्कैन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार एक साल में करीब 190 पेपर रिम्स की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि विभागों में फाइलों के काम को स्वचालित करने के लिए ई-आफिस आवेदन लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि ई-आफिस एक कार्यप्रवाह आधारित प्रणाली है, जो फाइलों की मौजूदा मैनुअल हैंडलिंग को एक अधिक कुशल इलेक्ट्राॅनिक प्रणाली से बदल देती है। इस प्रणाली में सभी चरण शामिल हैं, जिसमें आवक प्राप्तियों का डायरीकरण, फाइलें तैयार करना, प्राप्तियों और फाइलों की आवाजाही और अंत में अभिलेखों का संग्रह शामिल है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के साथ, रसीदों और फाइलों की आवाजाही निर्बाध सुनिश्चित होती है। इस प्रणाली के माध्यम से कार्य में और अधिक पारदर्शिता आती है, क्योंकि फाइल पर की गई प्रत्येक कार्रवाई इलेक्ट्राॅनिक रूप से दर्ज की जाती है।
प्रवक्ता ने कहा कि ई-फाइलों को आसानी से खोजा और प्राप्त किया जा सकता है और उन पर तुरंत कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इन फाइलों को रेफरेंस फाइलों, दस्तावेजों, नियम और निर्णयों से भी लिंक किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाता है, क्योंकि सभी आवश्यक जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध होती है।