शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

लाहौल घाटी: तड़न्ग गांव के प्रभावित तीन परिवारों को दी फौरी राहत, रहने व खाने पीने की भी की जाएगी व्यवस्था

केलांग। लाहौल घाटी के उदयपुर क्षेत्र में जुंडा के समीप चंद्रभागा नदी में पहाड़ से अचानक हुए भारी भू- स्खलन के बाद पानी का बहाव रुकने से घरों और खेतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा शिमला से हेलीकाप्टर के जरिए सीधे घटनास्थल पहुंचे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निर्देश पर मुख्य सचिव राम सुभग सिंह और पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू भी विशेष तौर से उनके साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की।  डॉ रामलाल मारकंडा पानी का बहाव रुकने से सबसे अधिक नुकसान झेलने वाले तड़न्ग गांव के तीन परिवारों से भी मिले। उन्हें सांत्वना दी और प्रशासन को उन्हें तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रशासन ने मौके पर ही तीनों परिवारों को फौरी राहत भी प्रदान की। जिनमें सुखदास, रमेश और देवी चंद शामिल रहे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि हालांकि नदी का बहाव अब कुछ खुल गया है। लेकिन फिर भी पहाड़ से जो मलबा गिरा है उसके खतरे से निपटने और आगे के लिए भूस्खलन के खतरे का आकलन करने के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। जिसमें इंजीनियरिंग विशेषज्ञ भी होंगे। उन्होंने कहा कि जिन भी परिवारों के खेतों और फसलों को पानी का बहाव रुकने से नुकसान हुआ है उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों और फील्ड कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि नुकसान का आकलन जल्द किया जाए।



उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित परिवारों के रहने और खाने-पीने की तुरंत पूरी व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में जिन गांव को इस तरह के भू स्खलन के खतरे की आशंका हो सकती है उनके लिए एक विशेष कार्ययोजना पर भी विचार किया जा रहा है। बाद में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने पानी का बहाव रुकने से प्रभावित हुए पूरे क्षेत्र का दौरा किया और भूस्खलन की जद में आए पहाड़ का भी जायजा लिया। राज्य में कुछ जिलों में हो रही भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने बताया कि इसको लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक वैज्ञानिक अध्ययन करवाया जाएगा ताकि इस अध्ययन से यह पता चल सके कि किन कारणों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। इसमें जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की मदद भी ली जाएगी। उपायुक्त नीरज कुमार ने तकनीकी शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव को बताया कि पानी का बहाव रुकने के बाद चंद्रभागा नदी के निचले क्षेत्रों में तिन्दी तक के गांवों को अलर्ट कर दिया गया था। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button