शिमला में बच्ची को दादी के सामने बच्ची को उठा ले गया तेंदुआ

शिमला। राजधानी के कनलोग क्षेत्र से वीरवार देर रात तेंदुआ पांच साल की बच्ची को उसकी दादी के सामने ही उठा ले गया। बच्ची का क्षतविक्षत सिर साथ लगते जंगल से बरामद कर लिया गया है। बच्ची की तलाश में जुटी पुलिस और वन्यजीव विभाग की टीम को शुक्रवार सुबह करीब पौने सात बजे जंगल में झाड़ियों के बीच बच्ची का सिर मिला।
शव की हालत देख पुलिस कर्मियों और वन विभाग के कर्मचारियों के भी रोंगटे खड़े हो गए। यहां सिर्फ दो हड्डियां और बच्ची का क्षत विक्षत सिर पड़ा था। बाद में फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और सैंपल लिए। पांच साल की यह बच्ची प्रियंका यहां निर्माणाधीन मकान के ग्राउंड फ्लोर में बने ढारे में अपनी दादी सुखमती के साथ रहती थी। दादी के अलावा दादा सोमरा और एक चाचा भी साथ रहते हैं। दादा किसी काम से परवाणु गए थे।
यह परिवार मूलत: झारखंड के गुमला जिले का रहने वाला है। दादी सुखमती ने बताया कि शाम करीब सात बजे प्रियंका पड़ोस के ढाई साल के बच्चे के साथ खेलने गई थी। साढ़े आठ बजे वापस लौटी। ढारे के बाहर बने चूल्हे पर दादी रात का खाना बना रही थी। प्रियंका ने कहा कि उसे पेशाब जाना है। दादी ने इसे बाकी दिनों की तरह ढारे के पिछली तरफ जाने को कहा। यह जगह दादी की पीठ से करीब चार कदम की दूरी पर है। यहां घात लगाए बैठा तेंदुआ इस पर झपट पड़ा और बच्ची को उठा ले गया।
प्रियंका ने दादी को लगाई थी आवाज
कनलोग में तेंदुआ जब बच्ची पर झपटा तो बाल्टी गिरने के बाद दादी को लगा कि बेटी ने इसे गिरा दिया है। उधर साथ लगते ढारे के बाहर खाना खा रहे मजदूर अजय को बच्ची की चीख सुनाई दी। प्रियंका ने अपनी दादी को आवाज लगाई थी, साथ ही अंधेरे में कुछ घसीटकर ले जाने की आवाज सुनी। वह तुरंत प्रियंका की दादी के पास पहुंचा। पूछा प्रियंका कहां है। दादी बोली पीछे गई है। दोनों लाइट लेकर पीछे गए तो यहां कुछ नहीं था। अजय ने अंदेशा जताया कि कोई जानवर प्रियंका को ले गया है। इसने आसपास के बाकी मजदूरों को इकट्ठा किया। फिर पुलिस और वन्यजीव विभाग को सूचना दी गई। अजय ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे तक प्रियंका उसके बच्चे के साथ खेल रही थी।
पांच साल की प्रियंका की मां करीब तीन साल पहले उसे छोड़ कर चली गई है। पिता मनोज ने दूसरी शादी कर ली थी, वह अब झारखंड में ही रहता है। प्रियंका का पिता 15 जून को शिमला आया था। कुछ दिन बाद फिर वापस झारखंड लौट गया।