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फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का 91 साल की उम्र में कोरोना से निधन

चंडीगढ़। कोरोना संक्रमित होने के बाद 91 साल के मिल्खा सिंह को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार की शाम उनकी तबियत काफ़ी बिगड़ गई और काफ़ी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मिल्खा सिंह का निधन रात 11।30 बजे हुआ है। मिल्खा सिंह को 20 मई को कोविड संक्रमण के चलते तीन जून को पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वे 13 जून तक आईसीयू में भर्ती रहे और इस दौरान उन्होंने कोविड संक्रमण को हरा दिया। 13 जून को कोविड टेस्ट में निगेटिव होने के बाद कोविड संबंधी मुश्किलों के चलते उन्हें फिर से आईसीयू में दाख़िल कराना पड़ा। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी चिकित्सकों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी। पांच दिन पहले मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का निधन भी कोरोना संक्रमण से हो गया था।




भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना से 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। बता दें, बीते दिन उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। खबरों के मुताबिक उन्हें फिर बुखार आ गया था और उनका ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम हो गया था। 91 साल के मिल्खा सिंह कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए थे जिसके बाद अब उनका निधन हो गया है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया है। भारतीयों के दिलों में मिल्खा सिंह के लिए खास जगह थी। उन्होंने लोगों को अपने व्यक्तिव से प्रेरित किया। मैं उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं।”



फ़्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह भारत के इकलौते ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने 400 मीटर की दौड़ में एशियाई खेलों के साथ साथ कॉमनवेल्थ खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता हुआ था। 1958 के टोक्यो एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था जबकि 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर और चार गुना 400 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था।

1958 के कार्डिफ़ कॉमनवेल्थ खेलों में मिल्खा सिंह ने 440 गग दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था। लेकिन मिल्खा सिंह को सबसे ज़्यादा मशहूरी 1960 को रोम ओलंपिक ने दिलाई जिसमें वे 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक मामूली अंतर से चूक गए थे। रोम ओलंपिक में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर की दौड़ 45।73 सेकेंड में पूरी की थी, वे जर्मनी के एथलीट कार्ल कूफमैन से सेकेंड के सौवें हिस्से से पिछड़ गए थे लेकिन यह टाइमिंग अगले 40 सालों तक नेशनल रिकॉर्ड रहा।



गौरतलब है कि इसी हफ्ते मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना से 85 साल की उम्र में निधन हुआ है। मिल्खा सिंह उस वक्त पीजीआई अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे जिस कारण वो पत्नी के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।
भारतीय खेल जगत की महान हस्ती रहे मिल्खा सिंह के निधन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके साथ अपनी एक तस्वीर के साथ ट्विट किया जिसमें उन्होंने कहा कि मिल्खा सिंह असंख्य भारतीयों के दिलों में बने रहेंगे।
उन्होंने ट्वीट किया है, ”श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है। उनका असंख्य लोगों के दिलों में विशेष स्थान था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके निधन से आहत हूं।”



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