सिटीजन चार्टर से पंचायतों में आएगी पारदर्शिता, 15 अगस्त तक लागू करने का लक्ष्य
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण तथा परिवार रजिस्टर की नकल लेने की सुविधा ऑनलाइन मिल रही है। नवीन पहल के चलते प्रदेश ने दो बार ई-पुरस्कार हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि आज पंचायतों में धन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार 14वें तथा 15वें वित्तायोग के माध्यम से भरपूर आर्थिक मदद दे रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार भी विभिन्न योजनाओं के धन का प्रावधान कर रही है। इस पैसे का सदुपयोग करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को वर्ष भर की प्लानिंग करनी होगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पंचायतों के पास बहुत सा पैसा अनस्पेंट पड़ा है। इस पैसे को खर्च करने के लिए भी कार्य योजना तैयार करनी होगी। उन्होंने सभी चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों से गांव की बेहतरी के लिए कार्य करने की अपील करते हुए कहा कि पैसा सिर्फ पंचायतों में बैंक खातों में न पड़ा रहे। इस पैसे से गांव व गांव में रहने वालों का जीवन स्तर सुधरना चाहिए।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि एक साल-पांच काम अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत 5 लाख रुपए या इससे अधिक धनराशि के कार्य करने होंगे। जिसके लिए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, वित्तायोग, सांसद व विधायक निधि तथा योजना मद से धन का प्रावधान किया जाएगा। इस अभियान से भी पंचायतों को दशा बदलेगी।