शिमला । शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए अंक सारणीकरण प्रारूप प्रस्ताव नीति के बारे में बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों तथा विद्यार्थियों व जनसाधारण की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने बोर्ड द्वारा संचालित दसवीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के वार्षिक परिणाम तैयार करने के लिए विस्तृत उद्देश्य मानदंड तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन उद्देश्य मानदंड के अन्तर्गत सात मापदण्डों को रखा गया है। इन मापदण्डों के अन्तर्गत विद्यार्थियों के नौवीं कक्षा, पहली और दूसरी टर्म, प्री-बोर्ड, हिन्दी की वार्षिक परीक्षा, प्रैक्टिकल परीक्षा और आन्तरिक मूल्यांकन के अंकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षाओं का संचालन पूर्व में करवाया गया था तथा सम्बन्धित विद्यालयों से प्रैक्टिकल एवं आन्तरिक मूल्यांकन के अंक बोर्ड को प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उद्देश्य मानदंड तैयार करते समय विद्यार्थियों के सत्त व व्यापक मूल्यांकन को ध्यान में रखा गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में परिणाम सारणीकरण समिति का गठन भी किया गया है जो इन मापदण्डों के अनुसार परीक्षा परिणाम तैयार करेगी तथा बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाए गए आनलाइन लिंक के माध्यम से अंक निर्धारित करेगी, जिसके उपरान्त स्कूल शिक्षा बोर्ड का परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा।
बैठक की कार्यवाही का संचालन बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. सुरेश कुमार सोनी ने किया। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डाॅ. अमरजीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।