किराएदारों के लिए खुशखबरी! मॉडल टेनेंसी कानून को पीएम ने दी मंजूरी, मिलेंगे ये अधिकार
शिमला। किराएदारों और मकान मालिकों के लिए बड़ी खबर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दी गई है। इस एक्ट को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये जारी किया जा रहा है, ताकि वे मौजूदा किरायेदारी कानूनों में अपने हिसाब से ताजा कानून बना सकें या मौजूदा कानूनों में संशोधन कर सकें। इससे देश भर में किराये पर मकान देने के सम्बन्ध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे विकास का रास्ता खुलेगा।
The Union Cabinet approved the Model Tenancy Act (MTA) for adoption and enactment by states/UTs to promote rental housing in India.
MTA envisages to balance the interests and rights of both the owner and tenant in accountable and transparent manner. pic.twitter.com/rbP9lkkIE7
— Ministry of Housing and Urban Affairs (@MoHUA_India) June 2, 2021
किराएदार और मकान मालिक के बीच किसी न किसी बात को लेकर मनमुटाव होना आम बात है। लेकिन कई बार बात बड़े झगड़े या विवाद तक पहुंच जाती है। इस सबको हल करने के लिए केंद्र सरकार ने अब नया कानून बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यचक्षता में केन्द्री य कैबिनेट ने सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों में परिचालित करने के लिए मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दे दी है, ताकि नए कानून बनाकर या मौजूदा रेंटल कानूनों को उपयुक्त रूप से संशोधित किया जा सके। यह देश भर में किराए के आवास के संबंध में कानूनी ढांचे को कायापलट करने में मदद करेगा, जिससे इसके समग्र विकास में मदद मिलेगी।
मॉडल टेनेंसी एक्ट का उद्देश्य देश में एक जीवंत, टिकाऊ और समावेशी रेंटल हाउसिंग मार्केट बनाना है। यह सभी आय समूहों के लिए पर्याप्त किराये के आवास स्टॉक के निर्माण को सक्षम करेगा जिससे बेघरों की समस्या का समाधान होगा। मॉडल टेनेंसी एक्ट औपचारिक बाजार की ओर धीरे-धीरे स्थानांतरित करके किराये के आवास के इंस्टीट्यूनेशनालाइजेशन को सक्षम बनाएगा। मॉडल टेनेंसी एक्ट किराए के आवास उद्देश्यों के लिए खाली घरों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे आवास की भारी कमी को दूर करने के लिए एक व्यवसाय मॉडल के रूप में किराए के आवास में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मॉडल टेनेंसी एक्ट से लोगों को प्रॉपर्टी किराये पर लेने में आसानी होगी। धोखाधड़ी या प्रताड़ना से बचने का पूरा अधिकार मिलेगा। नए कानून के चलते रेंटल हाउसिंग को एक औपचारिक मार्केट तैयार होगा। किरायेदार और मकान किराए पर देने वाले दोनों को फायदा होगा। दोनों को किसी बात को लेकर विवाद होने पर अथॉरिटी में जाने का अधिकार होगा। इसके लिए अलग से कोर्ट को भी व्यवस्था होगी।
इस कानून को लागू करने का अधिकार राज्यों पर होगा। कोई भी किसी की प्रोपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता है। मकान मालिक भी किरायेदार को तंग करके घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। घर खाली कराना है तो मकान मालिक को पहले नोटिस देना होगा। किराएदार को भी यह ध्यान रखना होगा कि जिस घर में वह रहता है, उसका देखभाल उसे करना होगा।