हिमाचल सरकार की इस योजना में हर महीने मिलते हैं तीन हजार रुपये
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल वासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण सहारा योजना चलाई गई है। यह योजना प्र्रदेशवासियों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग जिनकी आय चार लाख रुपये से कम है और एकल परिवार से संबध रखते हैं। उनके लिए कुछ निर्दिष्ट रोगों से पीडित होने पर सामाजिक सुरक्षा व वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सहारा योजना शुरु कर एक नई पहल की है। इस योजना के अंतर्गत पार्किसन, मस्कुलर डिस्ट्राॅफी, थैलेसीमिया, कैंसर रोग, हीमोफीलिया, गुर्दे की विफलता, पैरालिसिस तथा इसके अतिरिक्त कोई अन्य रोग जो स्थाई रुप से किसी रोगी को अक्षम करते हैं।
उन्होंने बताया कि सहारा योजना के तहत रोगी को प्रतिमाह 3000 रुपये वित्तीय सहायता हिमाचल सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। यह वित्तीय सहायता लाभार्थी के सीधे खाते में जमा होगी। इस योजना के अंतर्गत सरकारी एवं पैंशनभोगी व्यक्ति जो कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ उठाते हैं इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लंबी बीमारी में उपचार के दौरान रोगियों व उनके परिजनों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्यों से निजात दिलवाना है। आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र के साथ आवश्यक बीमारी के दस्तावेज, फोटो पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पूर्ण जानकारी तथा जीवन प्रमाण पत्र सलंग्न करके खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में अवश्य जमा करवाने होंगे। उक्त दस्तावेज अपने क्षेत्र की आशा वर्कर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजें। मरीज के उक्त पूर्ण दस्तावेज खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने पर आशा वर्कर को 200 रुपये प्रति केस, प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इस योजना की जानकारी के लिए आप आशा वर्कर व स्वाास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें। यह योजना निश्चित रुप से, कमजोर प्रदेशवासियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और हम स्वस्थ प्रदेश की परिकल्पना को सार्थक सिद्व कर पाएंगे।