स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. सैजल ने कोरोना से लड़ाई के लिए दिए निर्देश, जानिये क्या कहा

सोलन । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मन्त्री डाॅ. राजीव सैजल ने प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्यरत सभी प्रशासनिक अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों और अन्य से आग्रह किया है कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय में सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करें ताकि पीड़ित मानवता को राहत प्रदान की जा सके। डाॅ. सैजल आज यहां जिला सोलन में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं प्रबन्धन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डाॅ. सैजल ने कहा कि यह सर्वविदित है कि कोविड संक्रमण के कारण विशेष रूप से प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को चुनौतियों के साथ-साथ दबाव के समय में कार्य करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह आवश्यक है कि सभी पक्ष पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ित मानवता को सहारा दें। उन्होंने कहा कि दवा के साथ-साथ संवदेनशील व्यवहार रोगी की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाने में कारगर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय में हम सभी को जागरूक होकर कर्तव्य पालन करना होगा और अपना शत-प्रतिशत पीड़ित मानवता की सेवा के लिए देना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में सामने आई विभिन्न कमियों को दूर किया जा रहा है।
यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि रोगियों को समय पर दवा मिले, चिकित्सक होम आईसोलेशन में रह रहे रोगियों से नियमित संवाद करें और आमजन उचित प्रकार से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेन्सिग बनाए रखने तथा बार-बार अपने हाथ साबुन या एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से धोने के नियम का पालन करें। स्वास्थ्य मन्त्री ने कहा कि मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर स्वयं वर्तमान स्थिति से सफलतापूर्वक निपटने के लिए सभी जिलों में बैठकें आयोजित कर उचित निर्देश जारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बना रही है कि आवश्यक स्तर पर न तो आंक्सीजन की कमी हो और न ही दवाईयाें के लिए रोगियों को भटकना पड़े। आवश्यकतानुसार वेंटिलेंटर भी सुचारू हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 600 वेंटिलेंटर उपलब्ध हैं। पर्याप्त मात्रा में आंक्सीजन की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एवं सोलन जिला में आवश्यक दवाईयों का उचित भण्डार उपलब्ध है।
डाॅ. सैजल ने कहा कि 02 मई, 2021 तक प्रदेश में कोविड-19 के कुल 104491 मामले पाए गए हैं। इनमें से 20727 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक कुल 1556 रोगियों को इस कारण मृत्यु हुई है जबकि 82148 रोगी स्वस्थ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में कोविड-19 के लिए कुल 143988 परीक्षण किए गए हैं। जिला में कोविड-19 के कुल 13620 मामले हुए हैं। इनमें से 2962 एक्टिव हैं। उन्होंने कहा कि जिला में 10545 रोगी इस संक्रमण से उभर गए हैं। 113 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।
आयुष मन्त्री ने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए कि जिला में सभी स्तरों पर कार्यरत विभिन्न टीमों के मध्य उचित समन्वय बना रहे और रोगियाें एवं अन्यों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन को निर्देश दिए कि जिला के सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करें और यह सुनिश्चित बनाएं कि रोगियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पतालों में कोई भी सुविधा स्थापित करने से पहले उसकी कार्यप्रणाली का समुचित परीक्षण भी सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में आवश्यकतानुसार विभिन्न स्तरों पर आंक्सीजन सिलेण्डरों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
डाॅ. सैजल ने कहा कि सभी उपमण्डलाधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि जिला के बद्दी तथा सोलन में एक निजी अस्पताल में हुई दुःखद घटना के सम्बन्ध में जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। रिपोर्ट प्राप्त होने पर उचित कार्यवाही की जाएगी। उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कोविड-19 के सन्दर्भ में जिला की वस्तुस्थिति की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्हाेंने विश्वास दिलाया कि सभी स्तरों पर समन्वय के साथ कार्य सुनिश्चित बनाया जाएगा।
डाॅ. गगनदीप राजहंस ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कोविड-19 की जानकारी दी।
एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, ग्राम पंचायत कोरों कैंथड़ी के प्रधान नरेन्द्र ठाकुर, पुलिस अधीक्षक बद्दी रोहित मालपानी, अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चन्द्र शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोलन अशोक वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. राजन उप्पल, उपमण्डलाधिकारी सोलन अजय यादव, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ महेन्द्र पाल गुर्जर, उपमण्डलाधिकारी अर्की विकास शुक्ला, उपमण्डलाधिकारी कसौली डाॅ. संजीव धीमान, उपमण्डलाधिकारी कण्डाघाट डाॅ. विकास सूद, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र शर्मा, विभिन्न खण्ड चिकित्सा अधिकारी, डाॅ. अजय सिंह एवं अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।