सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल
चार करोड़ उपलब्ध, पर विवाद के कारण नहीं बन पा रही सड़क
ऊना । बंगाणा उपमंडल के तहत आने वाले रेड़कू गांव की सड़क के लिए 4.04 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के आपसी भूमि विवाद के चलते सड़क नहीं बन पा रही। गांव की सड़क के लिए नाबार्ड के माध्यम से 4 करोड़ रुपए की धनराशि लोक निर्माण विभाग को प्राप्त हो चुकी है, जो वर्ष 2018-19 की विधायक प्राथमिकता में नंबर दो पर है। सड़क निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल कर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया तथा निशानदेही भी ली गई, लेकिन फिर भी झगड़ा नहीं सुलझा।
यही कारण है कि सड़क बन नहीं पा रही। नाबार्ड के तहत ठाणा अप्पर से कुट, अलसाहन, हरिजन बस्ती, भ्यांबी, निचला ठाणा तक 6.6 किमी सड़क का निर्माण होना था। काम शुरू भी, हुआ लेकिन बीच में जमीनी विवाद के चलते निर्माण कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया। ग्राम पंचायत पिपलू के प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत विवाद को सुलझाने का हर संभव प्रयत्न कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो जाएगा तथा लोगों को सड़क की सुविधा मिल पाएगी। वहीं पूर्व प्रधान विपिन पाधा ने बताया कि दोनों छोर से सड़क का निर्माण शुरू हुआ था, जिसके तहत पुलियां व डंगे भी लगाए गए, लेकिन बीच में एक स्थान पर लगभग 250 मीटर सड़क निर्माण के लिए भूमि विवाद में है।
पंचायत प्रधान रहते हुए उन्होंने विवाद को हल करने के लिए काफी प्रयास किए , लेकिन मामला अदालत में चला गया तथा कोर्ट से स्टे लगने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई तथा निर्माण पूरा नहीं किया जा सका। इस संबंध में अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग शशि धीमान ने कहा कि विभाग सड़क निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, किंतु पहले स्थानीय निवासी आपसी विवाद को सुलझा लें। सड़क निर्माण के लिए विभाग के पास 4.04 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध है।
यही कारण है कि सड़क बन नहीं पा रही। नाबार्ड के तहत ठाणा अप्पर से कुट, अलसाहन, हरिजन बस्ती, भ्यांबी, निचला ठाणा तक 6.6 किमी सड़क का निर्माण होना था। काम शुरू भी, हुआ लेकिन बीच में जमीनी विवाद के चलते निर्माण कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया। ग्राम पंचायत पिपलू के प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत विवाद को सुलझाने का हर संभव प्रयत्न कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो जाएगा तथा लोगों को सड़क की सुविधा मिल पाएगी। वहीं पूर्व प्रधान विपिन पाधा ने बताया कि दोनों छोर से सड़क का निर्माण शुरू हुआ था, जिसके तहत पुलियां व डंगे भी लगाए गए, लेकिन बीच में एक स्थान पर लगभग 250 मीटर सड़क निर्माण के लिए भूमि विवाद में है।
पंचायत प्रधान रहते हुए उन्होंने विवाद को हल करने के लिए काफी प्रयास किए , लेकिन मामला अदालत में चला गया तथा कोर्ट से स्टे लगने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई तथा निर्माण पूरा नहीं किया जा सका। इस संबंध में अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग शशि धीमान ने कहा कि विभाग सड़क निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, किंतु पहले स्थानीय निवासी आपसी विवाद को सुलझा लें। सड़क निर्माण के लिए विभाग के पास 4.04 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध है।