शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
हिमाचल को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन के लिए चार पुरस्कार
शिमला। हिमाचल प्रदेश को भारत सरकार के कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर हिमाचल प्रदेश को इस योजना के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में चार पुरस्कारों से सम्मानित किया है जिनमें एक राज्य स्तरीय पुरस्कार और तीन जिला स्तरीय पुरस्कार शामिल हैं।
बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रदेश के जल शक्ति और राजस्व मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर को ये पुरस्कार प्रदान किये। हिमाचल प्रदेश ने उत्तर-पूर्वी राज्यों और पहाड़ी भू-भाग वाले क्षेत्रों की श्रेणी के अंतर्गत भौतिक सत्यापन और शिकायत निवारण में बेहतर प्रदर्शन के लिए राज्य पुरस्कार प्राप्त किया है। राज्य में पीएम-किसान योजना के अंतर्गत 75 प्रतिशत लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन और 56 प्रतिशत शिकायतों का निवारण पहले ही किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त, उत्तर-पूर्वी राज्यों और पहाड़ी भू-भाग वाले क्षेत्रों की श्रेणी के अंतर्गत राज्य के तीन जिलों को पुरस्कृत किया गया है। लाहौल-स्पीति जिला को आधार प्रमाणित लाभार्थियों के मापदंड, सिरमौर जिला को शिकायत निवारण और जिला कांगड़ा को लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन के लिए पुरस्कृत किया गया है। इस अवसर पर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को जाता है क्योंकि विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत सभी राज्यों में हिमाचल प्रदेश ने अधिकतम चार पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्राप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विकास के लिए एक आदर्श राज्य बनकर उभरा है और सभी कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए ईमानदार प्रयास कर रहा है ताकि योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर लाभार्थियों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि देश के सभी छोटे और सीमांत किसानों को आय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 24 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया था ताकि वह कृषि और संबंधित गतिविधियों से जुड़े खर्चों को वहन कर सकें। निदेशक, भू-अभिलेख एच.आर चैहान सहित लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और सिरमौर के जिला प्रशासन के अधिकारी जल शक्ति मंत्री के साथ उपस्थित थे।