शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

हिमाचल : पांच साल में थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या में 68 फीसदी वृद्धि

शिमला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज यहां बताया कि 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में 2022 के विधानसभा चुनावों में थर्ड जेंडर समुदाय के मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय 68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन में निर्वाचन विभाग द्वारा थर्ड जेंडर समुदाय के अधिकांश मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अनेक प्रयास किए गए तथा उन्हें मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूकता अभियानों में शामिल किया गया।




वर्ष 2017 में सम्पन्न विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची में ट्रांसजेंडर समुदाय को थर्ड जेंडर की श्रेणी में शामिल किया गया था। उस दौरान थर्ड जेंडर मतदाताओं की कुल संख्या 14 थी जिसमें से केवल 2 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था जो 14 प्रतिशत रहा। इसी तरह लोकसभा चुनाव 2019 में पंजीकृत थर्ड जेंडर मतदाताओं में से केवल 34 प्रतिशत ने वोट डाला।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए 15 जनवरी, 2022 को प्रकाशित मतदाता सूची में केवल 17 थर्ड जेंडर मतदाता ही पंजीकृत थे। चुनाव आयोग और निर्वाचन विभाग की पहल के कारण इस श्रेणी के मतदाताओं के पंजीकरण में 10 अक्तूबर, 2022 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार इनकी संख्या 17 से बढ़कर 37 हो गई। अन्तिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद अब इनकी कुल संख्या 38 हो गई है।




मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सितम्बर माह में अपने हिमाचल प्रवास के दौरान इस बात पर विशेष बल दिया था कि चुनाव आयोग वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं तथा थर्ड जेंडर व्यक्तियों के लिए पहल करेगा ताकि उन्हें ससम्मान चुनावी प्रक्रिया में भागीदार बनाया जा सके। इसके लिए उनकी उपस्थिति में सोलन जिला के धर्मपुर में स्थापित आदर्श मतदान केन्द्र में थर्ड जेंडर समुदाय के मतदाता को सम्मानित भी किया गया तथा उन्हें यह समझाने का प्रयास किया गया कि वे चुनावी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इसके लिए उन्हें बिना किसी भय के चुनावों में भाग लेना चाहिए ।




श्री गर्ग ने कहा कि निर्वाचन विभाग के प्रयासों के परिणामस्वरूप इन विधानसभा चुनावों के लिए 12 नवम्बर को हुए मतदान में 38 में से 26 थर्ड जेंडर के 68 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो 2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा दोगुना है।




बिलासपुर जिले के थर्ड जेंडर मतदाता बिजली महंत को जिला आइकन बनाया गया है तथा राज्य के अन्य जिलों में भी इस समुदाय के सदस्यों को राज्य और जिला चुनाव आइकन के रूप में नियुक्त करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।



Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button