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भारी बारिश से आफत : मंडी जिले में 27 सड़कें बंद, ये बरतें सावधानी

मंडी। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि जिला में बंद सड़कों को खोलने का कार्य यु़द्धस्तर पर जारी है। लोक निर्माण विभाग दिन रात कार्य कर बंद सड़कों को खोलने में जुटा हुआ है। बारिश के कारण जिला में 59 सड़कें बंद हो गई थीं, अब केवल 27 ही बंद हैं। जिनमें 3 मुख्य जिला सड़कें, 23 ग्रामीण सड़के और एक लिंक रोड हैं। 32 सड़कों को बहाल कर दिया गया है।




उन्होंने बताया कि सुन्दरनगर मंडल में सलापड़ से तत्तापानी और करांगल से किंडर सड़क बंद है। सराज मंडल में 18 बंद सड़कों में अब केवल छह सड़कें संगवार से तरमबालीधार, तपनाली से घाट, लम्बाथाच से शिल्लीभागी, चैल-जंजैहली से धार , थूनाग से लमसेफर और चैल-जंजैहली से तुंगाधार सड़कें बंद है। करसोग मंडल में कोटलू से कटंडा सड़क बंद है। थलौट मंडल में मसार से बनोल, दियोड़ से हटुआं-बहावास, खोलाना से कुन, थाच से कसोड़, हनोगी से सलोई, काशिमलीधार से बनवाड़, लिंक रोड बनोटी, सुराड़ से नलवागी, थाच से खारी, सुधरानी से तीलधार, थाट्टा से समलवास, सेगला से डांडी-चिऊंतापानीऔर चक्कीधार से डोबा सड़क बंद है। जोगिन्द्रनगर मंडल में कुण्डुनी से कास, एजजु से बसाही और डगौन से सलेरा सड़क बंद है। धर्मपुर मंडल में केवल दो सड़कें लिंक रोड बडयार हराबाग और हलवानी से बारल वाया रीयुर सड़क बंद है।




जिला में स्थापित 4013 ट्रांसफार्मर में केबल एक ट्रांसफार्मर में विद्युत सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है। जिसे भी शीघ्र ही बहाल कर दिया जाएगा।




बारिश के कारण जिला में अब तक 62.35 करोड़ का नुकसान
जिला में बारिश के कारण अब तक 62.35 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। लोक निर्माण विभाग को 36.92 करोड़, जल शक्ति विभाग को 22.46 करोड़ जबकि बागवानी में लगभग 2 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसके अतिरिक्त कच्चा तथा पक्के मकानों के क्षतिग्रस्त होने से करीब चालीस लाख, नगर निगम मंडी में करीब चालीस लाख के करीब अनुमानित नुक्सान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।



वर्षा के कारण कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए है। पिछले 24 घंटों के अंदर जिला में 8.69 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इस दौरान एक दुकान और एक घर क्षतिग्रस्त हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 6.58 करोड़ और बागवानी में लगभग 2 करोड़ का नुकसान हुआ है।




नदी नालों की तरफ जाने से करें गुरेज
एसडीएम मंडी ओम कांत ने आम जनमानस से पहाड़ों तथा नदी नालों की तरफ जाने से गुरेज करने के लिए कहा है इसके साथ ही स्थिति समान्य नहीं होने तक पराशर झील तक भी पर्यटकों को जाने के लिए मनाही की गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके।


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