शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

34 विभागों की 248 जन सेवाएं लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल, जुर्माने का प्रावधान

शिमला । स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र-2017 के कार्यान्वयन के लिए गठित मंत्रिमण्डल की उप-समिति की बैठक आज यहां शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 34 विभागों द्वारा 248 जन सेवाएं अधिसूचित की जा चुकी हैं। ये सेवाएं समयबद्ध रूप से लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हर विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली जन सेवा के लिए समय अवधि निर्धारित की गई है।



उन्होंने कहा कि 248 जन सेवाओं में से 110 सेवाएं आनलाइन माध्यम से, 30 सेवाएं ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से और 80 सेवाएं व्यवसाय में सुगमता (ईज आफ डूइंग बिजनेस) के तहत प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय अवधि में सेवा उपलब्ध नहीं करवाने पर एक से पांच हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। सुरेश भारद्वाज ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अधिकारियों को समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के प्रावधानों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।



शहरी विकास मंत्री ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए आरक्षित बैकलाॅग पदों को तुरन्त भरने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए कि इस बारे में की गई कार्यवाही के बारे में 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा कोटे का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।



उन्होंने शिकायत निवारण प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए भी विभिन्न दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया अनिवार्य की दी गई है। सुशासन बने स्वर्णिम हिमाचल का आधार के तहत जन अधिकार पुस्तिका का प्रकाशन कर इसे योजना विभाग की वैबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है तथा इसका अद्ययतनीकरण किया जा रहा है।



सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ई-प्रशासन और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आनलाइन पोर्टल-सीएम डैशबोर्ड बनाया जा चुका है और इसका प्रभावी तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। बैठक में स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र के तहत विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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