प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में मंडी जिला के 118 गांवों का हो रहा कायाकल्प
मंडी । प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में मंडी जिला के चयनित 118 गांवों का कायाकल्प हो रहा है। इनमें से 17 गांवों में ग्राम विकास योजना के अनुरूप विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। वहीं 56 और गांवों की ग्राम विकास योजना का अनुमोदन सोमवार को आयोजित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की वर्चुअल बैठक में कर दिया गया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को शेष 45 गांवों की ग्राम विकास योजना अगले 15 दिनों के भीतर तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं।
यह जानकारी उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की वर्चुअल माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक के उपरांत दी। जिला कल्याण अधिकरी आर.सी.बंसल ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
बता दें, योजना के तहत चयनित प्रत्येक गांव (50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव) के आदर्श विकास के लिए अंतर पाटन निधि (गैप फिलिंग फंड) के तौर पर 20-20 लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं के कन्वर्जेंस से इन गांवों के समग्र विकास से जुड़े कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाता है।
अरिंदम चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में विभिन्न चरणों में साल 2018 से 2022 तक मंडी जिला के 11 विकास ख्ंाडों के 118 गांव चयनित किए गए हैं। इनमें 2018-19 में 8, 2019-20 में 25, 2020-21 में 37 और 2021-22 में 48 गांव चयनित हुए हैं। चयनित 17 गांवों को 10-10 लाख रुपये की पहली किश्त जारी की जा चुकी है। बैठक में अनुमोदन के बाद अब 56 और गांवों को 10-10 लाख की किश्त जारी की जानी है। चयनित गावों की विकास योजना बनाने के लिए संबंधित पंचायत प्रधान के नेतृत्व में हर जगह ग्रामस्तर पर अभिसरण समिति गठित की गई है।
2 फरवरी तक पूरा करें ग्राम विकास योजना बनाने का शेष काम
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि चयनित गांवों में जहां अभी ग्राम विकास योजना नहीं बनाई गई हैं, वहां अगले 15 दिनों के भीतर इस काम को पूरा किया जाए। उन्होंने चयनित गांवों में गठित अभिसरण समितियों से 2 फरवरी से पहले अंतरिम ग्राम विकास योजना बनाकर अनुमोदन के लिए जिला समिति को सौंपने को कहा। संबंधित तहसील कल्याण अधिकारियों को कार्य का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। जिला कल्याण अधिकरी आर.सी.बंसल ने बताया कि योजना में गांव में सामुदायिक भवन निर्माण के कार्य को भी शामिल किया गया है। इस काम को भी ग्राम विकास योजना में डाला जा सकता है। अन्होंने बताया कि गांवों में गलियों में लगाई जाने वाली सोलर लाइट की खरीद राज्य नोडल एजेंसी हिमऊर्जा से की जा सकती है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में विकास खंड बल्ह के 30 गांव, सुंदरनगर के 15, गोहर के 17, द्रंग के 5, बालीचौकी के 11, चौंतड़ा के 6, सराज के 5, मंडी सदर के 11, करसोग के 11, गोपालपुर के 4 और धर्मपुर विकासखंड के 3 गांवों का चयन हुआ है।
क्या है प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना उन गांवों के विकास को समर्पित है जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। योजना में गांवों का चयन राष्ट्र स्तर पर किया जाता है। चयनित गांवों में अनुसूचित जाति के परिवारों की मूलभूत आवश्यकताओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार की जाती है। इन गांवों में पर्याप्त अवसंरचना और सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े 10 कार्यक्षेत्रों के 50 निगरानी योग्य संकेतकों में सुधार के लिए काम किया जाता है।
ये हैं सुधार के 10 कार्यक्षेत्र
1.पेयजल और स्वच्छता 2.शिक्षा 3.स्वास्थ्य और पोषण 4. सामाजिक सुरक्षा 5. ग्रामीण सड़कें और आवास 6. विद्युत और स्वच्छ ईंधन 7. कृषि प्रणालियां 8. वित्तीय समावेशन 9. डीजिटलीकरण 10. जीवन यापन और कौशल विकास ।वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक में विभिन्न विभागों के जिलास्तर के अधिकारियों ने ऑनलाइन भाग लिया।