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एसएफआई ने एचपीयू के कुलपति पर उठाए सवाल, फीस बढ़ोतरी का विरोध

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शिमला। SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विभिन्न छात्र माँगो को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें एचपीयू के कुलपति और विश्वविद्यालय में अध्यापकों की भर्तियों में नियमो का पालन न करने के आरोप लगाए गए।


राज्य सचिव अमित ठाकुर और राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हो रही शिक्षकों की भर्तियों में केंद्र व प्रदेश सरकार अपने चहेतों को भर्ती कर रही है । UGC के नियम व निर्देशों को दरकिनार करके आयोग्य लोगों को भर्ती किया जा रहा है। SFI राज्य कमेटी ने विश्वविद्यालय कुलपति की योग्यता पर सवाल उठाए। एसएफआई ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।


SFI राज्य सचिव अमित ठाकुर व राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि 21 मार्च 2011 में विश्वविद्यालय के अंदर सिकंदर कुमार को ई0सी0 द्बारा प्रोफेसर पद पदोन्नत किया गया और अगस्त 2018 में विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया। इस तरह से सिकंदर कुमार के पास सिर्फ 7 साल 5 महीने का अनुभव था जोकि अनुभव सीमा 10 साल से 2 साल 7 महीने कम है। ऐसे मैं सवाल उठना लाजमी है। एसएफआई ने राज्यपाल तथा माननीय उच्च न्यायालय से इस मसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। कहा कि पीटीए के नाम पर भी छात्रो से भारी भरकम फीस वसूली जा रही है। ये सही नहीं है। पिछले 18 महीनों में पीटीए की किसी भी महाविद्यालय में जनरल बॉडी मीटिंग नही हुई तो किस आधार पर फीस ली जा रही है। अन्य कॉलेजों में भी फीस बढ़ोतरी और निजी शिक्षण संस्थानों में भी फीस की मनमानी का विरोध किया। SFI यह मांग करती है की छात्रों से भारी भरकम फीस ना वसूल करके मात्र टियूशन फीस ही ली जाए।

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कहा कि छात्र संघ चुनावों को प्रदेश में 2014 से प्रतिबंध लगाया गया है । तब से लेकर आज तक छात्र समुदाय छात्र संघ चुनाव को बहाल करने के लिए निरंतर संघर्ष करता रहा है छात्र संघ चुनाव के माध्यम से छात्रों की समस्याएं प्रशासन तक पहुंचाने में एससीए एक अहम भूमिका निभाता था लेकिन जब से छात्र संघ चुनाव पर प्रतिबंध लगाया गया है उसके बाद छात्रों की समस्याओं को प्रशासन दरकिनार करता आ रहा है। छात्र संघ चुनाव विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में छात्रों की लोकतांत्रिक प्रणाली को वह छात्रों में राजनीति की समझ को विकसित करती थी इसलिए एसएफआई लंबे समय से छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार वह छात्रों को आ रही समस्याओं से निपटने के लिए छात्र संघ चुनाव बहाल की जाए।


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