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युवा डॉ.अब्दुल कलाम से लें प्रेरणा : वेंकैया

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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने युवाओं से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेने और एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत का निर्माण करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम की तरह, युवाओं को दायरे से बाहर सोचना चाहिए और भारत की जनसंख्या के बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली विभिन्न आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।डॉ. शिवथानु पिल्लई द्वारा लिखित पुस्तक ’40 इयर्स विद अब्दुल कलाम- अनटोल्ड स्टोरीज़’ का वर्चुअल विमोचन करते हुए श्री नायडू ने प्रसन्नता व्यक्त की कि यह पुस्तक डॉ. कलाम के जीवन का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि “डॉ. कलाम का जीवन एक शक्तिशाली संदेश देता है कि कठिनाइयों और परेशानियों को जब सही भावना में लिया जाता है, तो वे हमारे चरित्र और मानसिकता को मजबूत बनाने में प्रमुख सामग्री के रूप में काम करती हैं।पूर्व राष्ट्रपति के साथ अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हुए,  नायडू ने कहा कि मुझे डॉ. कलाम के साथ बातचीत करने के कई अवसर प्राप्त हुए थे। जब वह डीआरडीओ में थे और बाद में भारत के राष्ट्रपति बने, मैंने उनसे बातचीत की। हर बार मैं उनके ज्ञान की गहराई और उनकी आम लोगों के जीवन को बदलने की इच्छा शक्ति से बहुत प्रभावित हुआ।डॉ. कलाम को एक सच्चा कर्म योगी बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा थे। श्री नायडू ने कहा कि डॉ. कलाम सही मायने में एक ‘जनता के राष्ट्रपति’ थे, जिन्होंने हर भारतीय विशेषकर युवाओं को अपना समर्थन दिया। वे सादगी, ईमानदारी और समझदारी के प्रतीक थे।

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