शिक्षा

हिमाचल में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाए सरकार

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हमीरपुर। कोरोना महामारी के कारण लोग परेशान हैं। बड़ी संख्या में लोगों की जहां नौकरियां चली गई हैं वहीं कारोबार और उद्योग धंधे भी नहीं चल रहे हैं। इस बीच कुछ स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं। अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से इस पर लगाम लगाने की मांग की है।

एक अभिभावक ने ट्विटर पर अपनी व्यथा बयान की है।

निजी स्कूलों के हौसले सरकार के आदेश के बाद इस कदर बढ़ गए हैं कि फीस के साथ अब एनुअल चार्जेज के नाम पर अविभाभकों को धमका रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ वाट्सएप पर मैसेज के जरिये बार बार इन चार्जेज की मांग कर रहे हैं। कोरोनाकाल मे इस तरह स्कूलों की मनमानी लोगों के हलक के नीचे नहीं उतर रही है।
हमीरपुर के कांगू इलाके के प्रतिष्ठित स्कूल की ओर से अविभाभकों को इस संबंध मैं मैसेज भेजे जा रहे हैं। स्कूल फीस लगातार देने वाले अभिभावकों का कहना है कि सरकार के आदेश को ढाल बनाकर इस तरह उनकी जेब पर डाका डाला जा रहा है। एक अभिभावक का आरोप है कि मुख्यमंत्री सेवा हेल्पलाइन यानी 1100 पभी मदद नहीं मिल पाई। कहा गया कि हम आपकी शिकायत दर्ज नहीं कर सकते चूंकि ये स्कूल सीबीएसई से एफिलेटिड हैं। लेकिन जब स्कूल प्रबंधन की ओर से हिमाचल सरकार के आदेश को ढाल बनाने की बात कही तो सन्तोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। सरकार की ओर से भी

अभिभावक रिंटू, मनोज, दिनेश, सुनीता, रमेश, ताराचंद, नीरज, विजय, हरिओम व निक्कू ने कहा कि इस तरह की लूट स्वीकार्य नहीं है। बताया जा रहा कि एनुअल चार्जेज के नाम पर चार से आठ हजार रुपये की वसूली की जा रही है। कई स्कूलों में यह राशि औऱ भी अधिक है यानी जितना बड़ा स्कूल उतनी बड़ी लूट। लोगों ने प्रदेश सरकार व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से आग्रह किया है कि इस संबंध में कार्रवाई कर जनता को राहत दिलाई जाए।

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