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रेल मंत्री का विद्युतीकरण पर जोर, यहां भी मिलेगा फायदा

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नई दिल्ली। केन्द्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री  पीयूष गोयल ने उत्तर-पश्चिमी रेलवे के नये विद्युतीकृत दिघावाड़ा-बांदीकुई रेल खंड का उद्घाटन किया और दिघावाड़ा स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में इस नये विद्युतीकृत रेल मार्ग पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे के कार्यों पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि राजस्थान में कोटा-मुम्बई लाइन का विद्युतीकरण कार्य 35 वर्ष पूर्व किया गया था और उसके बाद किसी ने इस क्षेत्र की ओर ध्यान नहीं दिया। रेलवे में इस पर कार्य करते हुए देशभर में संपूर्ण रेल लाइनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राजस्थान के संबंध में उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 2009-2014 तक इस क्षेत्र में बिल्कुल भी विद्युतीकरण कार्य नहीं हुआ था जबकि पिछले साढ़े पांच वर्षों में (सितम्बर 2020 तक) 1433 किमी रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो गया है यानी कि प्रति वर्ष 240 किमी रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया गया। श्री गोयल ने कहा कि इन वर्षों के दौरान सोच में परिवर्तन आया है और हमारे काम करने के तरीके में भी बदलाव हुआ है। आज इस रेल मार्ग के विद्युतीकरण के बाद रेवाड़ी से अजमेर के रेल मार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो गया है और अब दिल्ली से अजमेर के लिए विद्युतीकृत ट्रेन भी जल्द ही आरंभ होंगी। इन ट्रेनों के संचालन के बाद डीजल ट्रेनें चलना बंद हो जाएंगी जिससे कि प्रदूषण नियंत्रित होगा और बाहर से आयातित ईंधन पर निर्भरता नहीं रहेगी तथा स्वावलम्बी भारत में पैदा होने वाली बिजली से ट्रेनों का संचालन होगा, इससे महत्वपूर्ण राजस्व की भी बचत होगी। इसके अलावा ट्रेनों की औसत गति भी बढ़ेगी तथा उद्योगों, खेती आधारित कारोबार का विकास होगा और ग्रामीणों व किसानों की तरक्की होगी। किसानों को सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा उनकी कृषि उपज के परिवहन के लिए किसान रेल का परिचालन किया जा रहा है। सरकार किसानों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।

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