कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लूस्वास्थ्यहिमाचल
Trending

दवाई से ज्यादा फायदा पहुंचाती है फिजियोथेरेपी; जानिए कैसे मिलता है फायदा

खबर को सुनें

कुल्लू। व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विद्या फिजियोथेरेपी कहलाती है। मौजूूदा समय में अधिकतर लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं तथा इसका फायदा भी उठा रहे हैं, क्योंकि इस पद्धति के दुष्प्रभावों की आशंका न के बराबर है तथा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय कर लोगों का उपचार किया जाता है।

जिला रेडक्रॉस सोसायटी कुल्लू द्वारा क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र में फिजियोथेरेपी यूनिट स्थापित किया गया है । केंद्र में डा. सीमा ठाकुर बी.पी.टी. एम.पी.टी ( ओर्थाे ) जोड़ों , कमर , गर्दन , एडी , पैरों , गठिया , मांसपेशियों के दर्द , कंधे की जकड़न , चोट से सूजन , लिंगामेंट का टूटना , शाटिका , सेरेब्रेल पाल्सी , लकवा के कारण शरीर का कोई हिस्सा काम न करता हो ,

चहरे का टेढ़ापन का इलाज़ फिजियोथेरेपी द्वारा कर रही है । मरीज को प्रतिदिन 30 से 90 मिनट का सत्र लेना पड़ता है । फ्रेक्चर खुलने के बाद किसी सर्जरी के बाद शरीर के अंगों में ताकत व गतिशीलता / लचीलापन लाने व दर्द से राहत पाने में फिजियोथेरेपी बड़ी कारगार है । बढ़ती उम्र में जोड़ों में दर्द , मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं तथा अस्टिपोरोसिस जैसी समस्याओं से निपटने के लिए या इसे समय से पहले टालने के लिए फिजियोथेरेपी ली जा सकती है । दर्द से तुरन्त राहत लेने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से पेन किलर दवाईयां लेने का प्रचलन हो गया है लेकिन लम्बी अवधि में इनका प्रयोग गुर्दे , जिगर जैसे प्रमुख अंगो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं इसलिये फिजियोथेरेपी एक सुरक्षित विकल्प है। फिजियोथेरेपी किसी भी उम्र में बच्चों , महिलाओं , लड़के / लड़कियांे तथा वृद्ध अवस्था के सभी व्यक्ति ले सकते हैं।

जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र कुल्लू में निःशुल्क फिजियोथेरेपी सेवाएं सेवाएं दी जा रही

डा. सीमा ठाकुर क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में बच्चों , गायनी , ओर्थाे बार्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । उनका कहना है कि जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र कुल्लू में निःशुल्क फिजियोथेरेपी सेवाएं सेवाएं दी जा रही है जबकि निजी सेक्टर में 300 रुपये तक एक सत्र के देने पड़ते हैं । डा. सीमा बताती हैं कि उन के यूनिट द्वारा गत वर्ष 12,614 लोगों को फिजियोथेरेपी दी गई जिन में कुछ उलेखनीय मामलों की जानकारी देते हुए बताया कि एक मरीज़ जिसेे स्ट्रोक के कारण अधरंग हो गया था . पर 3 माह तक फिजियोथेरेपी देने उपरांत अब वह स्वयं चलने लग गया है तथा शारीरिक स्थिति में व्यापक सुधार हो रहा है ।

इसी प्रकार एक 5 वर्ष की लड़की जिसकी फ्रैक्चर के दौरान नस दब गई थी व हाथ की उंगलियों सिकुड़ गई थी व चलने में भी असमर्थ हो गई थी , केंद्र में 2 माह तक फिजियोथेरेपी लेने उपरान्त हाथों में 70 फीसदी गतिशीलता आ गई है तथा अब वह घर में निरंतर बताए गए अनुसार व्यायाम कर रही हैं तथा निरंतर शारीरिक सुधार हो रहा है। इसी प्रकार घुटना प्रत्यारोपण के एक मरीज़ ऑप्रेशन वाद वह अपने पाँव को मोड़ने में असमर्थ था दो हफ्ते के लिए फिजियोथेरेपी लेने उपरान्त मरीज़ 75 फीसदी लाभ महसूस कर रहा है इस मरीज़ को फॉलो – अप व्यायाम दिया जा रहा है।

सुनने की क्षमता का आंकलन कर सुनने की मशीन भी उपलब्ध करवाई जाती है

जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र में फिजियोथेरेपी के अतिरिक्त केंद्र के माध्यम से मुख्यतः विकलांगो को चिन्हित कर उनकी विकलांगता का आकलन करवा कर यूडीआईडी पहचान पत्र जारी करवाना मनोवैज्ञानिक द्वारा भावनात्मक , मानसिक तनाव जैसी समस्याओं को काउन्सलिंग के माध्यम से निदान किया जाता है ।

इसके अतिरिक्त स्पीच थेरेपिस्ट द्वारा हकलाना , तुतलाना व बोलने की समस्याओं की समस्या के निदान हेतू निःशुल्क सेवा दी जा रही है। जिन लोगों को सुनने में परेशानी आ रही है उनकी सुनने की क्षमता का आंकलन कर सुनने की मशीन भी उपलब्ध करवाई जाती है। ऐसे गरीब व्यक्ति जिन्हें व्हील चेयर , बैसाखियों , छडीयों , कृृत्रिम अंगों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए वार्षिक आय सीमा के आधार पर निःशुल्क , आधी कीमत या पूरी कीमत पर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button