कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लूहिमाचल

बढ़ गया पैराग्लाइडिंग का शुल्क, बैठक में लिए गए अहम फैसले

खबर को सुनें

कुल्लू । जिला के सभी भागों में पैराग्लाईडिंग सिंगल फ्लाईट के लिये अब 3200 रुपये की जगह 3500 रुपये अदा करने होंगे। यह फैसला एयरो स्पोर्टस् एवं रिवर राफ्टिंग नियमन समिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने की। गौर तलब है कि माजूदा 3200 रुपये की दरें वर्ष 2016 में तय की गई थी और अब केवल 10 फीसदी से भी कम वृद्धि करके 300 रुपये बढ़ाने की संस्तुति की गई है। इसी प्रकार, रिवर राफ्टिंग की दरों में में स्ट्रैच की लंबाई को ध्यान में रखते हुए बढ़ौतरी की गई है। यह बढ़ौतरी बैठक में उपस्थित रिवर राफ्टिंग व पैरा ग्लाईडिंग एसोसियेशनों के पदाधिकारियों की सहमति से की गई है।




सिंगल विंडो प्रणाली को एक सप्ताह में करना होगा लागू
आशुतोष गर्ग ने कहा कि सैलानियों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। इसके लिये नियमों के अनुसार ही साहसिक खेल गतिविधियां की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ओवर चार्जिंग की शिकायतें भी आई हैं। पर्यटकों से किसी प्रकार की धोखा-धड़ी को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि रिवर राफ्टिंग तथा पैरा ग्लाईडिंग के सभी स्थलों की अलग-अलग एसोसियेशनों का गठन किया जाए और इनके संचालन के लिये सिंगल विंडो प्रणाली को सख्ती के साथ लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि सोलंग वैली की तर्ज पर पंजीकरण एक ही जगह पर हो और वहीं से राफ्ट एलॉट भी होगा। इसमें सभी संचालकों को बारी-बारी से मौका मिल सकेगा। एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने भी इस बात पर अपनी सहमति जताई। उपायुक्त ने कहा कि मुख्य स्थलों पर साईन बोर्ड व होर्डिंग के माध्यम से रिवर राफ्टिंग व पैरा ग्लाइडिंग के स्थलों तथा दरों का पूर्ण ब्यौरा प्रदर्शित किया जाना चाहिए। उपायुक्त ने इस सारी प्रक्रिया के लिये एक सप्ताह का समय राफ्ट संचालकों व पैरा ग्लाइडिंग संचालकों को दिया है। उसके उपरांत समिति इसे लागू करवाने के लिये सख्त कदम उठाएगी।




आशुतोष गर्ग ने कहा कि रिवर राफ्टिंग तथा पैरा ग्लाइडिंग के रूट पूर्व निर्धारित हैं और इनमें किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जाना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने पर रूट को बंद भी किया जा सकता है। यह सभी एसोसियेशनों की जिम्मेवारी है कि वे इस प्रकार के तत्वों पर नजर रखें जो अवांछित गतिविधियां करते हैं। उन्होंने कहा कि सैलानियों के माध्यम से जिला व प्रदेश का अच्छा संदेश बाहर जाना चाहिए। इससे पर्यटन और भी मजबूत होता है।




उपायुक्त ने इन स्थलों पर शौचालय व चेंजिंग रूम की सुविधा का सृजन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वन विभाग इस सुविधा का सृजन करेगा और इसके लिये पर्यटन विभाग के माध्यम से एसोसियेशन द्वारा आंशिक धनराशि हर महीने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति साहसिक गतिविधियों को नहीं करवा सकता। कोई ऐसा करता है तो सख्त कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमन समिति इन स्थलों के समय समय पर औचक निरीक्षण करेगी। उन्होंने संचालकों से कहा कि सुरक्षा उपकरण हर समय उपलब्ध होना जरूरी है। एक राफ्ट सुरक्षा की दृष्टि से दूसरे के साथ साथ चलाया जाना चाहिए। पैरा ग्लाइडिंग में संचार प्रणाली मजबूत होनी चाहिए।




बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला पर्यटन एवं विकास अधिकारी ने किया। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक एवं समिति के उपाध्यक्ष अरविंद नेगी, एसडीएम विकास शुक्ला, वन मण्डलाधिकारी एश्वर्य चौहान, जिला अध्यक्ष साहसिक खेलें श्याम अत्री के अलावा रिवर राफ्टिंग, टूअर आप्रेटर्ज व पैरा ग्लाइडिंग एसोसियेशनों के पदाधिकारियों में सिकंदर ठाकुर, शिव चंद, ओम प्रकाश, नेगी, कपिल नेगी, रवि, जोगेन्द्र ठाकुर सहित अन्य हितधारक भी बैठक में उपस्थित रहे।




Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button