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किसानों में भ्रम फैला रहे सभी विपक्षी दल : मोदी

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वाराणसी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के वाराणसी-प्रयागराज खंड के छह लेन चौड़ीकरण की परियोजना का आज वाराणसी में उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में कनेक्टिविटी बेहतर करने और इसके सौंदर्यीकरण के लिए बीते समय में किए गए प्रयासों के परिणाम आज देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी में यातायात जाम की समस्या को कम करने के लिए नए राजमार्ग, फ्लाईओवर और सड़कों के चौड़ीकरण के लिए व्यापक काम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल किसानों में भ्रम फैला रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिकतम संपर्क व्यवस्था का विस्तार होगा तो हमारे किसान भी बड़े पैमाने पर लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में शीतगृह और गांव में आधुनिक शैली की सड़कों को विकसित करने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं। इन कार्यों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की निधि का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने एक उदाहरण देकर यह समझाया कि किस तरह से सरकार के प्रयासों और आधुनिक बुनियादी ढांचे से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास के क्रम में 2 वर्ष पहले चंदौली में काले चावल की शुरुआत की गई और पिछले वर्ष एक किसान समिति का गठन किया गया और लगभग 400 किसानों को खरीफ सीजन में बुवाई के लिए चावल के यह बीज दिए गए। जहां सामान्य चावल 35 से ₹40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाता है वहीं काला चावल प्रति किलोग्राम ₹300 रुपये तक में बेचा गया। पहली बार इन चावलों का ऑस्ट्रेलिया में निर्यात किया गया, वह भी लगभग ₹800 प्रति किलोग्राम की कीमत पर।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद समूचे विश्व में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने प्रश्न किया कि क्यों किसानों को ऐसे बड़े बाजार और ऐसी ऊंची कीमतों तक पहुंच से वंचित किया जाए। उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार, किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण प्रदान करते हैं और साथ ही साथ पुरानी व्यवस्था को भी जारी रखा जाएगा यदि कोई उस व्यवस्था को अपनाना चाहता है तो अपना सकता है। उन्होंने कहा कि पहले मंडियों के बाहर गैर कानूनी ढंग से लेन-देन किए जाते थे लेकिन अब छोटे किसान भी इस गैर कानूनी खरीद-फरोख्त के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए कदम उठा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार नीतियां, कानून और नियमन निर्धारित करती है। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि पहले सरकार के फैसलों का विरोध किया जाता था लेकिन अब आलोचना भयभीत होने के कारण की जा रही है। समाज में ऐसे झूठ और भ्रम फैलाए जा रहे हैं जो हुआ ही नहीं और आगे भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जिन्होंने किसानों को लगातार दशकों तक बरगलाया।

परंपरागत रूप से जारी एमएसपी व्यवस्था की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी में हर बार मामूली वृद्धि की जाती है लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बहुत कम होती है। यह परंपरा सालों से बनी हुई थी। किसानों के नाम पर कर्ज माफी के बड़े-बड़े पैकेज की घोषणा की जाती थी लेकिन यह छूट, यह राहत छोटे और सीमांत किसानों तक नहीं पहुंच पाती थी। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के नाम पर ही बड़ी-बड़ी योजनाएं शुरू की जाती थीं लेकिन वही सरकार है यह भी मानती थी कि सरकार द्वारा जारी किए गए ₹1 रुपये में से मात्र 15 पैसा किसानों तक पहुंचता है, जोकि योजनाओं के नाम पर छल होता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से छला गया किसान आज भी भयभीत होता है, लेकिन अब सारे कार्य उतनी शुद्धता से किए जा रहे हैं जितना शुद्ध गंगाजल है।

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