स्वरोजगार से जुड़ी सरकार की योजनाओं की जानकारी होना जरूरी : उपायुक्त आशुतोष गर्ग
कुल्लू । सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में कारगर साबित हो रही हैं। युवाओं को सरकार की स्वावलंबन से जुड़ी सभी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे इनका समुचित लाभ उठा सके। यह बात उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने हि.प्र. कौशल विकास निगम द्वारा कुल्लू के देवसदन में युवाओं को स्वावलंबी बनाने को लेकर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कही। कार्यशाला में कौशल विकास निगम तथा आईटीआई के अनेक पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। प्रशिक्षुओं ने अपने अनुभव भी सांझा किये।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि कौशल विकास निगम के तहत प्रदान किये जा रहे प्रशिक्षण को युवाओं को अपने जीवन में व्यवहार्य बनाकर स्वरोजगार के तौर पर अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र की जरूरतें वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप होती हैं। जिला में रिवर राफटिंग, पैरा ग्लाईडिंग, स्कीइंग जैसी साहसिक खेलों की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं और अच्छी बात यह है कि मनाली में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मौजूद है। संस्थान के साथ कौशल विकास निगम ने कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिये समझौता ज्ञापन किया है। यहां आयोजित करवाए जाने वाले कोर्स युवाओं को आजीविका अर्जित करने का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिये सरकार अनेक योजनाओं के तहत ऋण प्रदान कर रही है और वह भी 15 से लेकर 35 प्रतिशत अनुदान पर। युवाओं को ऐसी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और निजी उद्यम स्थापित करके अपने परिवार की आर्थिकी को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की इन योजनाओं की जानकारी के लिये विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करने की आवश्यकता है। अनेक बार युवा जानकारी के अभाव में ऐसी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
उपायुक्त ने कार्यशाला में प्राप्त विभिन्न सुझावों के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कुछ और कोर्स को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में पारम्परिक वास्तु अथवा काठकुणी शैली को अपनाया जाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और अनेक कारीगरों को काम भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिला में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और पर्यटन से जुड़े बहुत से प्रशिक्षण कोर्स हैं जिन्हें करके युवा अपनी आजीविका आसानी के साथ अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने ड्रॉन पालिसी को अपनाया है। इस क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान होंगे। उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में जिला की जरूरतों के हिसाब से कोर्स करवाने की जरूरत पर बल दिया।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रशांत सरकैक ने भी कार्यशाला मंे आए हितधारकों के साथ अनेक विषयों पर बात की तथा स्वरोजगार से जुडे़ अनेक प्रशिक्षण कोर्स पर उनके सुझाव आमंत्रित किये। उन्होंने एक मजबूत व्यवसायिक प्रशिक्षण व्यवस्था बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में कारीगरों की कमी सभी क्षेत्रों में है। ऐसे में अधिक से अधिक युवाओं को समाज की मांग के अनुरूप विभिन्न प्रकार के कोर्स करवाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का दौर मशीनी दौर है और अधिकांश कार्य मशीनों के माध्यम से होते हैं। फार्म मशीनरी की मुरम्मत के लिये युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसी प्रकार, बुनकरों की कमी स्पष्ट दिखाई देती है। विशेषकर ठण्डे क्षेत्रों में बुनकर क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावना मौजूद है। अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान के सयंुक्त निदेशक रमन घरसंगी ने संस्थाान की गतिविधियों के बारे में चर्चा की।
कौशल विकास निगम के जिला समन्वयक सुनील कुमार ने निगम के माध्यम से करवाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कोर्सों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी सांझा की। खादी एवं ग्रामोद्योग के प्रभारी विवेक शर्मा ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। निर्माण क्षेत्र से जुड़े उद्यमी राहुल ने काठकुणी शैली के भवनों के निर्माण तथा दस्तकारी में संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। भुट्टिको वीवर्ज सोसायटी से विशेष आमंत्रित प्रेमलता ठाकुर तथा महाप्रबंधक रमेश ठाकुर ने बुनकर क्षेत्र में रोजगार के बारे में जानकारी सांझा की।