देहरादून। कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के बाद अब कई राज्यों ने भी अपने यहां एक्जाम रद्द कर दिए हैं। इसी क्रम में मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी बुधवार को 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा।
वहीं, सीबीएसई के बाद मध्य प्रदेश की 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। वहीं, एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में 12 वीं बोर्ड की परीक्षाएं इस बार आयोजित नहीं की जाएंगी। बच्चों की जिन्दगी हमारे लिए अनमोल है। जब पूरा देश और राज्य कोरोना को प्रकोप झेल रहा है ऐसे में बच्चों पर परीक्षा का मानसिक बोझ उचित नहीं है। 10 वीं बोर्ड की परीक्षाएं न कराने का निर्णय पहले ही किया गया था, आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित किया जाएगा। अगर 12 वीं का कोई बच्चा बेहतर परिणाम के लिए परीक्षा देना चाहेगा तो विकल्प खुला रहेगा, कोरोना संकट की समाप्ति के बाद वो 12 वीं की परीक्षा दे सकेगा।
वहीं, इससे पहले गुजरात माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा ने खुद इसकी जानकारी दी है।
उधर, मंगलवार को सीबीएसई की 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। सीबीएसई के साथ ही आईसीएसई ने भी 12वीं की बोर्ड परिक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि बारहवीं कक्षा के छात्रों का परिणाम बेहतर मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीके से घोषित किया जाएगा। हालांकि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले का न केवल छात्र, बल्कि विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक, शिक्षक और प्रिंसिपल भी सराहना कर रहे हैं।