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कोरोना काल में संकटमोचक बनकर उभरी मनरेगा

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‘‘कोरोना टाईमे च जिथु लोकां दिया नौकरियां चली गेइयां कने कम-धंदे बंद होई गे, ओथु असां जो नरेगा च घरे दे नेड़े ही कम देई करी सरकारें साढ़ा बड़ा भला किता, कने घरे बैठ्यो साढ़िया रोजिया-रोटिया दा जुगाड़ करीता। असां भ्यागा-भ्यागा ही घरे दे कम्मे निपटाई करी दिहाड़िया पर जांदे कने संझा जो आइके फिरी अपणे कम भी करी लेंदें, तां इसा दे जादा सांजों क्या चाइंदा। इस तायें सरकारा दा बड़ा-बड़ा धन्यवाद…..।’’
काँगड़ा ज़िला के विकास खण्ड, रैत पंचायत की इच्छा देवी, सरोज, कमलेश, शशी देवी, सुषमा, रंजना देवी तथा किरण, जो अपनी पंचायत में मनरेगा के तहत चलाए जा रही विकास योजनाओं में दिहाड़ी पर काम कर रहीं हैं, ने कठिन कोरोना काल में भी सरकार द्वारा रोज़गार उपलब्ध करवाए जाने पर कुछ इस तरह सरकार का धन्यवाद किया।
कोरोना काल में जहाँ वैश्विक स्तर पर लोगों की जीवन शैली  तथा रोज़गार पर प्रतिकूल असर पड़ा है, वहीं पर प्रदेश का जनमानस भी इससे अछूता नहीं रहा। प्रदेश के विभिन्न भागांे से रोज़गार की तलाश में देश-विदेश के मुख़्तलिफ़ स्थानों पर आजीविका कमाने गए लोगों को मजबूरन अपने घरों की ओर लौटना पड़ा। क्योंकि कोविड संकट के चलते अधिकांश काम-धंधों के बन्द होने के कारण बेरोज़गार होने पर लोगों को अपने परिवारों का पालन-पोषण करना अत्यन्त जटिल होता जा रहा था।
इन विकट परिस्थितियों में सरकार तथा स्थानीय प्रशासन ने लोगों को उनके घर-द्वार पर रोज़गार मुहैया करवाने के उद्देश्य से कोविड प्रोटोकाल के तहत विभिन्न विकास कार्यों तथा योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया। ऐसे में काँगड़ा ज़िला में मनरेगा योजना लोगों के लिए संकटमोचक बनकर सामने आई।
उपायुक्त काँगड़ा राकेश प्रजापति बताते हैं कि कोरोना समय के पिछले चार-पाँच महीनों के दौरान 6,189 नए परिवारों ने मनरेगा में अपना पंजीकरण करवाया है। इस वित्त वर्ष में मनरेगा में अब तक लगभग 33 लाख 76 हजार 712 कार्य दिवस सृजित किये गये। इस दौरान 1,17,783 लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवाया गया; जिस पर 66 करोड़ 11 लाख रुपये व्यय किये गये।
उपायुक्त कहते हैं कि मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजनाओं ने रोज़गार सृजन से समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिशा में सरकार के उचित दिशा-निर्देशों के अनुरूप ज़िला प्रशासन के सार्थक प्रयासों का ही नतीजा है कि इस कठिन समय में भी हम हज़ारों परिवारों को मनरेगा के माध्यम से जोड़कर रोज़गार के अवसर सृजन करने में सफल रहे हैं।

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