कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लूहिमाचल
इस साल हटकर होगा कुल्लू का दशहरा, ये होंगे बदलाव

कुल्लू,। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न मौजूदा संकट के दौर में इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा को सूक्ष्म तौर पर मनाया जाएगा। आवश्यक परम्पराओं का बखूबी निर्वहन किया जाएगा। यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, जो अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने मंगलवार को देवसदन में दशहरा उत्सव के आयोजन को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस साल दशहरा उत्सव का स्वरूप विल्कुल अलग होगा, सूक्ष्म होगा और बहुत सतर्कता व सावधानी के साथ परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा ताकि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि भिन्न परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे दशहरा उत्सव में बहुत सी चीजें बदली हुई नजर आएंगी। जिस दिव्यता व धूमधाम के साथ कुल्लू दशहरा का आयोजन होता रहा है, इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि पारम्परिक रथ यात्रा होगी और इसमें सीमित संख्या में लोग भाग लेंगे। सभी देवी-देवताओं के कारदारों व देवलूओं ने कोविड-19 के खतरे को समझते हुए शासन व प्रशासन को अपना भरपूर सहयोग देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ के छड़ीवरदार के अनुसार कुल छह से सात देवता दशहरा में आएंगे। देवता के साथ रात्रि को केवल 10 लोग ही रह सकेंगे और सभी का कोरोना परीक्षण अनिवार्य होगा।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस बार कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव के दौरान नहीं होंगे। प्रदर्शनी मैदान में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन नहीं किया जाएगा। व्यापारिक गतिविधियां भी ढालपुर के मैदानों में नहीं होंगी।
कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर व बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी ने कहा कि दशहरा कुल्लू वासियों का अपना उत्सव है और इस बार सभी लोगों को सयंम बरतते हुए बाजारों की ओर रूख न करके अपने घरों से ही उत्सव का आनंद लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोग सहमे हुए हैं और किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते। ऐसे में दशहरा का स्वरूप विल्कुल सूक्षम रखा जाना चाहिए।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस साल दशहरा उत्सव का स्वरूप विल्कुल अलग होगा, सूक्ष्म होगा और बहुत सतर्कता व सावधानी के साथ परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा ताकि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि भिन्न परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे दशहरा उत्सव में बहुत सी चीजें बदली हुई नजर आएंगी। जिस दिव्यता व धूमधाम के साथ कुल्लू दशहरा का आयोजन होता रहा है, इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि पारम्परिक रथ यात्रा होगी और इसमें सीमित संख्या में लोग भाग लेंगे। सभी देवी-देवताओं के कारदारों व देवलूओं ने कोविड-19 के खतरे को समझते हुए शासन व प्रशासन को अपना भरपूर सहयोग देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ के छड़ीवरदार के अनुसार कुल छह से सात देवता दशहरा में आएंगे। देवता के साथ रात्रि को केवल 10 लोग ही रह सकेंगे और सभी का कोरोना परीक्षण अनिवार्य होगा।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस बार कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव के दौरान नहीं होंगे। प्रदर्शनी मैदान में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन नहीं किया जाएगा। व्यापारिक गतिविधियां भी ढालपुर के मैदानों में नहीं होंगी।
कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर व बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी ने कहा कि दशहरा कुल्लू वासियों का अपना उत्सव है और इस बार सभी लोगों को सयंम बरतते हुए बाजारों की ओर रूख न करके अपने घरों से ही उत्सव का आनंद लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोग सहमे हुए हैं और किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते। ऐसे में दशहरा का स्वरूप विल्कुल सूक्षम रखा जाना चाहिए।
देवी-देवताओं को नहीं दिया गया है निमंत्रण
उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने स्वागत करते हुए कहा कि हजारों-हजारों की संख्या में लोगों के आने की आंशका के चलते इस बार देवी-देवताओं को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का निमंत्रण नहीं दिया गया है। इस बार व्यापारिक गतिविधियों के न होने से दशहरा उत्सव की कोई आमदनी नहीं होगी और ऐसे में देवी-देवताओं को नजराना देने की व्यवस्था भी नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ जी की यात्रा में रथ खींचने वाले सभी श्रद्वालुओं को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा। इन लोगों को आई कार्ड जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों की पूरी तरह से पालना सुनिश्चित बनाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि दशहरा उत्सव की जो भी परम्पराएं होंगी, उनका लोगों को लाईव प्रसारण करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि लोग अपने घरों में श्री रघुनाथ जी की रथ यात्रा के दर्शन कर सकें।
कारदार संघ के अध्यक्ष जय चंद ठाकुर व प्रेस सचिव हंसराज शर्मा ने कहा कि कोरोना का खतरा स्वयं को भी है और ऐसे में देवता भी लोगों को किसी प्रकार के खतरे में नहीं डालना चाहते और शासन व प्रशासन की बात को मान रहे हैं। जय चंद ने कहा कि वह देवताओं के साथ आने वाले लोगों की सूचि दो-तीन दिनों के भीतर जिला प्रशासन को उपलब्ध करवा देंगे ताकि लोगों की कोरोना जांच की जा सके और साथ ही उन्हें आई-कार्ड जारी किए जा सके।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य धनेश्वरी ठाकुर ने भी कारदारों, पुजारियों व देवलुओं से आग्रह किया कि इस बार के आयोजन में सभी एकजुट होकर कोरोना के खतरे को समझते हुए शासन व प्रशासन का सहयोग करें।
बैठक में नगर परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, देवताओं के कारदार, पुजारी, देवलु व विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने स्वागत करते हुए कहा कि हजारों-हजारों की संख्या में लोगों के आने की आंशका के चलते इस बार देवी-देवताओं को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का निमंत्रण नहीं दिया गया है। इस बार व्यापारिक गतिविधियों के न होने से दशहरा उत्सव की कोई आमदनी नहीं होगी और ऐसे में देवी-देवताओं को नजराना देने की व्यवस्था भी नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ जी की यात्रा में रथ खींचने वाले सभी श्रद्वालुओं को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा। इन लोगों को आई कार्ड जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों की पूरी तरह से पालना सुनिश्चित बनाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि दशहरा उत्सव की जो भी परम्पराएं होंगी, उनका लोगों को लाईव प्रसारण करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि लोग अपने घरों में श्री रघुनाथ जी की रथ यात्रा के दर्शन कर सकें।
कारदार संघ के अध्यक्ष जय चंद ठाकुर व प्रेस सचिव हंसराज शर्मा ने कहा कि कोरोना का खतरा स्वयं को भी है और ऐसे में देवता भी लोगों को किसी प्रकार के खतरे में नहीं डालना चाहते और शासन व प्रशासन की बात को मान रहे हैं। जय चंद ने कहा कि वह देवताओं के साथ आने वाले लोगों की सूचि दो-तीन दिनों के भीतर जिला प्रशासन को उपलब्ध करवा देंगे ताकि लोगों की कोरोना जांच की जा सके और साथ ही उन्हें आई-कार्ड जारी किए जा सके।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य धनेश्वरी ठाकुर ने भी कारदारों, पुजारियों व देवलुओं से आग्रह किया कि इस बार के आयोजन में सभी एकजुट होकर कोरोना के खतरे को समझते हुए शासन व प्रशासन का सहयोग करें।
बैठक में नगर परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, देवताओं के कारदार, पुजारी, देवलु व विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।