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दशहरे पर इस मुहूर्त में करेंगे पूजा तो मिलेगा विजय का वरदान
शिमला। दशहरे के दिन शस्त्र पूजा का विधान है। सनातन परंपरा के अनुसार, शस्त्र और शास्त्र दोनों का बहुत महत्व है। शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता रहा है। मान्यता है कि प्राचीनकाल में क्षत्रिय शत्रुओं पर विजय की कामना के लिए इसी दिन का चुनाव युद्ध के लिए किया करते थे। पूर्व की भांति आज भी शस्त्र पूजन की परंपरा है और देश के शस्त्रागारों में आज भी शस्त्र पूजा बड़ी धूमधाम के साथ की जाती है.
इसके साथ ही मान्यता है कि दशहरे के दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था। एक और मान्यता के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध भी किया था।
दशहरे पर शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ- 07:41 (25 अक्तूबर)
विजय मुहूर्त- 13:55 से 14:40
दोपहर बाद पूजा समय- 13:11 से 15:24
दशमी तिथि समाप्त- 08:59 (26 अक्तूबर)