कोरोना की भेंट चढ़ा शीतकालीन विधानसभा सत्र, जनसभाओं पर रोक
शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की मंत्रिमंडल की बैठक में आज जहां राज्य में कोविड -19 की स्थिति के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। हिमाचल प्रदेेश के शीतकालीन सत्र को रद्द करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और सभाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर 7 दिसंबर से 11 दिसंबर, 2020 तक धर्मशाला में विधान सभा की स्थापना हुई।
मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि सभी मंत्री, सांसद, विधायक कोई भी सार्वजनिक कार्य नहीं करेंगे और समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए एसओपी का कड़ाई से पालन करके आभासी कार्य करेंगे। यह निर्णय लिया कि सभी सामाजिक समारोहों जैसे कि विवाह, जन्मदिन की पार्टियों, मुंडन आदि के लिए स्थानीय एसडीएम की अनुमति अनिवार्य होगी और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को एसओपी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अनिवार्य किया जाएगा।हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक आज शिमला में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। मंत्रिमण्डल ने राज्य में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या और समारोहों में विभिन्न प्रतिबन्धों के कारण 7 से 11 दिसम्बर, 2020 तक प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को रद्द करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया।
कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं
मंत्रिमण्डल ने यह निर्णय लिया कि मंत्री, सांसद, विधायक कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करेंगे और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हुए वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित करेंगे। मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया कि सभी सामाजिक समारोहों जैसे विवाह, जन्मदिन पार्टी, मुण्डन इत्यादि के लिए उप-मण्डलाधिकारी की अनुमति अनिर्वाय होगी और कार्यकारी दण्डाधिकारी को मानक संचालन प्रक्रियाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना अनिवार्य होगा।
कन्टेंमेंट जोन में सख्ती लागू करने का निर्णय
मंत्रिमण्डल ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए कन्टेंमेंट जोन में सख्ती लागू करने का निर्णय लिया। सक्रंमित व्यक्तियों की प्रारम्भिक चरण में पहचान के लिए रैंडम सैंपलिंग की जाएगी ताकि आगे फैलाव को रोका जा सके। मंत्रिमण्डल ने यह निर्णय लिया कि सभी मंत्री उन्हें सौंपे गए जिलों में हिम सुरक्षा अभियान का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे। वह सभी स्तरों पर कोविड-19 मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए प्रभावी कदम सुनिश्चित करेंगे और चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न प्रबन्धों की समीक्षा करंेगे। मंत्रिमण्डल ने हिम सुरक्षा अभियान और एन्टी कोविड अभियान में महिला मण्डलों को शामिल करने का निर्णय लिया। कोविड-19 से सुरक्षा से सम्बन्धित सन्देश प्रचारित करने के लिए युवा स्वयंसेवकों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
राजकीय महाविद्यालय लिल्ह कोठी का नाम बदला
मंत्रिमण्डल ने जिला चम्बा में राजकीय महाविद्यालय लिल्ह कोठी का नाम बदलकर राजकीय न्यू माॅडल महाविद्यालय लिल्ह कोठी करने को अनुमति प्रदान की। इस महाविद्यालय का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से किया था।
अटल टनल सिक्योरिटी यूनिट सृजित होगी
बैठक में अटल टनल रोहतांग की सुरक्षा और इससे सम्बन्धित अन्य मुद्दों के लिए मंत्रिमण्डल ने कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला पुलिस बल में अटल टनल सिक्योरिटी यूनिट सृजित करने का निर्णय लिया। विभिन्न श्रेणियों के 64 पद सृजित करने का निर्णय लिया, जिसमे कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला में 32-32 पद होंगे। प्रत्येक सिक्योरिटी यूनिट को प्रभावी यातायात प्रबन्धन और सुरक्षा के लिए फोर वाई फोर वाहन और एक मोटर साईकिल प्रदान किए जाएंगे।
ओपन टू स्काई पार्किंग की अनुमति
हिमाचल प्रदेश के सभी नगरों की प्रमुख सड़कों पर यातायात के सुचारू संचालन और पार्किंग की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश नगर नियोजन नियम, 2014 में ओपन टू स्काई पार्किंग का प्रावधान करने का निर्णय लिया। इस प्रावधान के अनुसार सड़क के वैली साईड और हिल साईड पर स्थित सभी भवनों जिनमें प्लाॅट के भीतर न्यूनतम दो मीटर का स्पष्ट सेटबैक, नियंत्रित चौड़ाई/दीवार और सड़क से स्पष्ट पहुंच हो वहां ऐसे सेटबैक के 50 प्रतिशत सेटबैक के अग्र भाग पर ओपन टू स्काई पार्किंग की अनुमति होगी। वैली साईड भवनों के मामलें में भवन मालिकों को स्टील के अस्थाई ढांचे/ऐसे सैटबैक के 50 प्रतिशत अग्र भाग पर रैंप पर ओपन टू स्काई पार्किंग बनाने की अनुमति होगी। इस तरह की प्रस्तावित अस्थाई पार्किंग प्लेटफाॅर्म सी-थ्रू, छिद्रित, जालीनुमा होने चाहिए ताकि इसमें समुचित स्थान, प्रकाश और वायु संचालन हो सकेे। इससे आपदा प्रबन्धन प्रयासों और साथ लगती सड़क पर सुचारू यातायात में बाधा नही आनी चाहिए। यह पंजीकृत स्ट्रक्चरल इंजीनियर से विधिवत रूप से प्रमाणित होना चाहिए।