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न्यायमूर्ति अनूप चितकारा को दी गरिमापूर्ण विदाई

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शिमला। न्यायमूर्ति अनूप चितकारा को आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में गरिमापूर्ण विदाई दी गई, जिनका पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरण किया गया है। उच्च न्यायालय में उनके सम्मान में फुल कोर्ट एड्रेस आयोजित किया गया। इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चैहान, न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य उपस्थित थे।  कार्यवाही का संचालन रजिस्ट्रार जनरल वीरेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ ने कहा कि न्यायमूर्ति अनूप चितकारा अधिवक्ताओं के पारंपरिक परिवार से संबंध रखते हंै। उन्होंने कहा कि अत्यंत व्यस्तता के बावजूद न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने न केवल एक अधिवक्ता के रूप में बल्कि एक न्यायाधीश के रूप में भी कई व्याख्यान दिए हैं और कानून की समृद्धि में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने न्यायमूर्ति अनूप चितकारा के स्नेही स्वभाव और लोगों के प्रति उनकी संवेदनशीलता भी सराही। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति अनूप चितकारा के सौहार्दपूर्ण व्यवहार और विनम्रता ने उन्हें बैंच और बार का प्रिय बना दिया।



इस अवसर पर न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने न्यायधीशों, बार के सदस्यों, न्यायिक अधिकारियों, रजिस्ट्ररी के कर्मचारियों व अधिकारियों तथा इस अवसर पर संबोधन करने वालों का उनके प्रति स्नेह और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तीसरी पीढ़ी का अधिवक्ता होने के नाते, उनकी व्यावसायिक सफलता और पद कड़ी मेहनत का परिणाम है। न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने उनके साथ और आसपास अपने कत्र्तव्य का निर्वाह समर्पण और निष्ठा से करने के लिए सराहना की। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं में और सीखने की उत्सुकता व  उत्साह के लिए उनकी सराहना की। महाधिवक्ता अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य आई.एन. मेहता, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लवनीश कंवर और भारत के सहायक साॅलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। न्यायमूर्ति अनूप चितकारा को फुल कोर्ट रेफरेंस के पश्चात् गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पी.एस. राणा तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. गोयल, न्यायमूर्ति के.सी. सूद, न्यायमूर्ति वी.के. शर्मा, हि.प्र. उच्च न्यायालय के पंजीयक, बार एसोसिएशन के सदस्य, रजिस्ट्ररी के अधिकारी व कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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