हिमाचल में डराने लगा कोरोना, 1026 मरीज मिले, 12 की मौत

शिमला। हिमाचल में कोरोना संक्रमण ने डराना शुरू कर दिया है। हिमाचल में रविवार को रिकार्ड 1026 मरीज सामने आए। 12 संक्रमितों की मौत हो गई। कोरोना से मरने वालों में तीन कुल्लू जिला से, तीन मंडी जिला से, दो शिमला जिला से, दो कांगड़ा जिला से तथा एक-एक मरीज चंबा व हमीरपुर जिला से है। इसके साथ हिमाचल में कोरोना से अब तक 625 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर, रविवार को प्रदेश में सामने आए 1026 मामलों में से सबसे ज्यादा 398 मामले शिमला जिला में सामने आए हैं। इसके अलावा मंडी में 161, कुल्लू में 120, सोलन में 81, कांगड़ा में 79, बिलासपुर में 45, ऊना में 41, हमीरपुर में 36, किन्नौर में 33, लाहुल-स्पीति में 17, चंबा में दस तथा सिरमौर में पांच नए मामले सामने आए हैं। कोरोना पीडि़तों की कुल संख्या अब 40 हजार को पार करते हुए अब 40003 तक पहुंच गई है। हालांकि रविवार को 940 कोरोना मरीज ठीक भी हुए हैं और राज्य में अब तक ठीक होने वालों की संख्या 30693 हो गई है। प्रदेश में कोरोना के 8644 एक्टिव मरीज हैं।
मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे है कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की निगरानी
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार कठोर व प्रभावशाली कदम उठा रही है। प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर स्वयं व्यक्तिगत तौर पर निरंतर निगरानी कर रहे है और समय-समय पर इस संबंध में आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जा रहे है ताकि इस बीमारी को फैलने से प्रभावी तरीके से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार विभिन्न जिलों में राज्य सरकार द्वारा यह जिम्मा मंत्रियों को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार अब किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में लोगों के शामिल होने की अधिकतम सीमा 50 निर्धारित की गई है। सरकार द्वारा जनसभाओं के स्थान पर आवश्यक कार्यक्रम वर्चुअल आधार पर करने का भी निर्णय लिया गया है और इन निर्णयों का सभी को कड़ाई से पालन करना होगा। प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित मरीजों व उनके परिवारों के साथ संपर्क में रहना अति आवश्यक है इसलिए उन्होंने विधायकों से भी आग्रह किया है कि वे मरीजों व उनके परिवारों के संपर्क में रहे और यह प्रयास किए जाए कि प्रभावित परिवारों को हर प्रकार की यथा संभव मदद प्रदान की जा सके, और इस कार्य के लिए सामाजिक संस्थाओं की भी मदद ली जाए।