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बाबरी मामला : सभी 32 आरोपी बरी

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लखनऊ। 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अंतिम फैसला सुनाते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ,मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया । सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने 2300 पन्नों में लिखे गए इस ऐतिहासिक केस के फैसले को सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद को साजिश के तहत नहीं गिराया गया था। यह अचानक हुई घटना थी। कार सेवा के नाम पर लाखों लोग अयोध्या में जुटे थे और उन्होंने आक्रोश में विवादित ढांचा गिरा दिया गया। विशेष जज का यह भी कहना था कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ की गई थी। प्रस्तुत किए गए फोटोग्राफ के नेगेटिव नहीं दिए गए थे। इससे साबित होता है कि विवादित ढांचा गिराने के मामले में आरोपियों का कोई हाथ नहीं था।

सीबीआई जज ने कहा कि जो कुछ हुआ वो अचानक था और किसी भी तरह से पूर्व नियोजित नहीं था। मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमा लड़ने वाले इकबाल अंसारी ने कहा कि अदालत के फैसले का वह सम्मान करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने जब पिछले साल नौ नवंबर को जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला दे दिया था, तो इस मुकदमे का ऐसे भी कोई मतलब नहीं रह गया था। विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें सुनवाई के दौरान अशोक सिंघल, बाल ठाकरे ,बिष्णु हरि डालमिया और राजमाता विजया राजे सिंधिया समेत 17 लोगों की मौत हो गई है।

उच्चतम न्यायालय के  आदेश पर लालकृष्ण आडवाणी ,मुरली मनोहर जोशी ,कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी रितंभरा, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कक्कड़ और धर्र्मेंद्र सिंह गुर्जर पर मुकदमा चल रहा था । उच्चतम न्यायालय ने रोजाना सुनवाई कर इस मामले में पिछले 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी थी। विशेष जज ने 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी कर ली थी और दो सितंबर से फैसला लिखाना शुरू कर दिया था ।

आडवाणी ने जय श्रीराम कहकर किया स्वागत

नई दिल्ली। मामले के आरोपी  पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि यह निर्णय अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह हम सब के लिए खुशी का दिन है। लंबे समय के बाद अच्छा समाचार आया है। हमने जय श्री राम कह कर इसका स्वागत किया है। वह हृदय से इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह फैसला श्री रामजन्म भूमि आंदोलन को लेकर मेरे निजी और भाजपा के विश्वास एवं प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।

जोशी बोले; देर से ही सही, न्याय की जीत हुई

मामले के एक मुख्य आरोपी डा. मुरली मनोहर जोशी ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे प्रमाणित हुआ है कि छह दिसंबर की अयोध्या की घटना में कोई षड्यंत्र नहीं था। हमारा कार्यक्रम और रैली षड्यंत्र का हिस्सा नहीं था। सभी लोग राम मंदिर के निर्माण को लेकर अब उत्साहित हैं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही, मगर न्याय की जीत हुई है।

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